दिल्ली में G20 समिट की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी को खूब सजाया-संवारा जा रहा है. इस बीच, खबर है कि दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा. इस संबंध में एमसीडी ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसका विरोध भी होने लगा है. पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) ने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने की दिल्ली नगर निगम की योजना को अवैध, अव्यवहारिक और अनुचित करार दिया है.
दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन अगले महीने होने वाला है. 18वें G20 समिट में दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष सम्मिलित होंगे. ये समिट 9 -10 सितंबर को होगा. समिट में दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मिलित होंगे.
‘G20 समिट के बाद वापस छोड़े जाएंगे डॉग’
दरअसल, एमसीडी ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कुत्तों को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान गुरुवार से शुरू हो गया है. ये कैंपेन 30 अगस्त तक चलेगा. सर्कुलर के मुताबिक, जी-20 शिखर सम्मेलन के कारण आवारा कुत्तों को अस्थायी रूप से एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) में रखा जाएगा. हालांकि, बाद में इन कुत्तों को उन्हीं स्थानों पर वापस छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें उठाया गया था.
‘आवारा कुत्तों को पकड़ना क्रूरता है’
इसमें कहा गया है कि कार्यक्रम समाप्त होने तक उठाए गए इन सभी आवारा कुत्तों की एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में ही देखभाल की जाएगी. वहां भोजन की व्यवस्था भी की गई है. वहीं, PFI ट्रस्टी अंबिका शुक्ला ने कार्रवाई को ‘मनमाना’ बताया है. उन्होंने कहा, आवारा कुत्तों को पकड़ना और उन्हें कैद करना क्रूर और अनावश्यक दोनों है.
‘ना ट्रेंड स्टाफ, ना सुविधाएं’
उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से इस पहल में कोई योजना या विचार नहीं किया गया है. कोई नोटिस नहीं, कोई परामर्श नहीं, नेट की कोई खरीद नहीं, कोई स्टाफ प्रशिक्षण भी नहीं है. ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है. सभी एबीसी यूनिट इस कदम का विरोध कर रही हैं. यह अवैध, अव्यवहारिक और अनुचित है.
‘कुत्तों को वायरस का भी खतरा’
संस्था ने कहा कि नसबंदी वाले कुत्तों को उठाना भी गैरकानूनी है और अव्यवहारिक है. बयान में कहा गया है, इन सेंटर्स में सुविधाएं नहीं हैं. उनके पास कुत्तों को एक महीने तक सुरक्षित रूप से रखने के लिए ना जगह है. ना कर्मचारी या बुनियादी स्ट्रक्चर है. कुत्तों को लंबे समय तक कैद में वायरस होने का गंभीर खतरा होता है.