संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पर बुधवार को किसानों ने हल्ला बोल प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच में धक्का मुक्की भी हुई। किसान बेरिकेटेड तोड़कर कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए। किसान 10% प्लॉट और बढे हुए मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे है। किसानों का कहना है कि हाई पावर कमेटी का गठन होने के बाद भी उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कलेक्ट्रेट पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर बीते दिनों धरना प्रदर्शन करते हुए आंदोलन किया था। प्राधिकरण पर काफी दिनों तक किसानों का आंदोलन चलने के बाद प्राधिकरण और किसानों के बीच में लिखित सहमति हुई थी और एक शासन स्तर पर हाई पावर कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसमें किसानों की समस्याओं/मांगो का जल्द निस्तारण करने का किसानों को आश्वासन दिया गया था। लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उनकी समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया है जिसको लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया।
किसान मोहित नागर ने बताया कि आज उनका कलेक्ट्रेट पर अपनी मांगों को लेकर यह दूसरा प्रदर्शन है। इससे 3 महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था और उसे समय आश्वासन दिया गया था कि 3 महीने में किसानों की बढ़े हुए मुआवजे और 10% आवासीय भूखंड सहित अन्य सभी मांगों को पूरा कर दिया जाएगा। लेकिन 3 महीने के बीत जाने के बाद भी अभी तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है। मोहित नागर ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हक को नहीं दिया जा रहा है आज कलेक्ट्रेट पर किसानों का हल्ला बोल प्रदर्शन है अगर इसके बाद भी सरकार, प्रशासन व प्राधिकरण ने किसानों को उनका बढ़ा हुआ मुआवजा, बेक लीज और आवासीय भूखंड सहित अन्य मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान दिल्ली कुछ करने के लिए मजबूर होंगे। लेकिन अपने हक की लड़ाई किसी भी सूरत में लड़ने को तैयार हैं।
बुधवार को कलेक्ट्रेट पर भारी संख्या में किसान और महिलाएं प्रदर्शन करने पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का यह प्रदर्शन प्रशासन, प्राधिकरण व सरकार को एक चेतावनी है यदि उनकी मांगों को जल्दी पूरा नहीं किया गया तो किसान फिर आंदोलन करने के लिए तैयार रहेंगे। हाई पावर कमेटी को 3 महीने होने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रदेश सरकार, प्राधिकरण और प्रशासन जल्द ही हाई पावर कमेटी के मानकों के अनुसार किसानों की मांगों को पूरा करें और उनका उनका हक दे।