कर्नाटक पुलिस ने केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना के बेटे अरुण बीएस सहित तीन लोगों के खिलाफ इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में कथित धोखाधड़ी, खातों में हेराफेरी करने और कंपनी से जुड़े एक दंपति को धमकी देने के लिए FIR दर्ज की है.
शुक्रवार को पुलिस ने बताया कि 37वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के निर्देशानुसार, केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना के बेटे सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. उन पर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में कथित धोखाधड़ी, खातों में हेराफेरी करना और कंपनी से जुड़े एक दंपति को धमकी देने का आरोप है.
एफआईआर के अनुसार, तृप्ति नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि वह और उनके पति माधवराज पिछले 23 सालों से एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चला रहे थे और 2013 में एक सरकारी कार्यक्रम आयोजित करते वक्त उनकी मुलाकात केंद्रीय जल शक्ति और रेलवे राज्य मंत्री के बेटे अरुण से हुई. 2017 में उनकी कंपनी ने अरुण की बेटी के लिए बर्थडे पार्टी का भी आयोजन किया था. अरुण ने अपने दोस्तों और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाने का काम शिकायतकर्ता की कंपनी को दे दिया था.
व्यापार में घाटे की नहीं दी जानकारी
2019 में अरुण और माधवराज ने एक पार्टनरशिप डीड के साथ एक कंपनी शुरू की थी. पर जब व्यवसाय में कथित तौर पर घाटा हुआ तो अरुण ने कथित तौर पर माधवराज को जानकारी नहीं दी और उन्होंने इस बारे में पूछताछ की तो उन्हें कंपनी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. इसके बाद अरुण ने कंपनी में नए पार्टनर को भी शामिल कर लिया.
जान से मारने की मिल रही हैं धमकियां: शिकायतकर्ता
तृप्ती ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने और उनके पति को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं. कंपनी में माधवराज का लाभांश भी 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है. 12 जून को दर्ज हुई एफआईआर में कहा गया है कि फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल करके कंपनी के ऑफिस की जगह और रजिस्ट्रेशन से संबंधित कई अनियमितताएं की गई हैं.
शिकायतकर्ता ने FIR में आगे बताया कि उनके परिवार पर गुंडों ने हमला किया और उसके पति को एक अंधेरे कमरे में बंद कर प्रताड़ित किया.
संजय नगर पुलिस स्टेशन में धारा 506 (आपराधिक धमकी), 34 (सामान्य इरादा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान), 387 (किसी व्यक्ति को मौत का डर पैदा करना या डालने का प्रयास करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा कि जबरन वसूली करने के लिए गंभीर चोट पहुंचाना, 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 477 ए (खातों का फर्जीवाड़ा) और आईपीसी की अन्य धाराएं भी शामिल हैं.