जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन (12956) में खूनी मंजर देखने को मिला है। इस पूरे मंजर से जहां ट्रेन के यात्री दहल गए तो वहीं अन्य लोग भी हक्का-बक्का रह गए हैं। दरअसल, महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के नजदीक सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे के करीब जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर एक RPF कांस्टेबल ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मरने वाले चार लोगों में RPF का एक ASI भी शामिल है। बाकी तीन यात्री हैं। सब के सब ट्रेन की बोगी में खून से लथपथ पड़े थे।
चारों की हत्या के बाद ट्रेन से कूद गया RPF कांस्टेबल
वहीं RPF कांस्टेबल चारों की हत्या करने के बाद दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन से बाहर कूद गया था। लेकिन बाद में उसे पकड़ लिया गया। कांस्टेबल को उस हथियार सहित गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे उसने गोलीबारी की। हालांकि, अब तक यह मालूम नहीं चला है कि कांस्टेबल ने ऐसा क्यों किया? क्या वजह रही? पुलिस जांच-पड़ताल के साथ कांस्टेबल से पूछताक्ष कर रही है और आगे की बनती कार्रवाई करेगी। आरोपी RPF कांस्टेबल की पहचान चेतन के रूप में हुई है।
दौड़ रही थी ट्रेन, अंदर गिर रहीं थीं लाशें
बता दें कि, ट्रेन जयपुर से चली थी और मुंबई आ रही थी। लेकिन सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे के करीब जब ट्रेन ने पालघर स्टेशन पार किया तो इसी दौरान RPF कांस्टेबल ने अचानक से ट्रेन के अंदर गोलीबारी शुरू कर दी। ट्रेन चलती जा रही थी और कांस्टेबल अंदर लाशें गिराता जा रहा था। कांस्टेबल ने ट्रेन के अंदर कुछ ही देर में चार लोगों को गोलियों से भून डाला। ऐसा करने में उसके तनिक भी हाथ नहीं कांपे। वहीं चार हत्याएं करने के बाद कांस्टेबल ने भागने की कोशिश की लेकिन दबोच लिया गया। कांस्टेबल दहिसर स्टेशन के पास चेन खींचकर कूदा था।
ट्रेन में दहशत से चीखने लगे यात्री, सो ही रहे थे
जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में RPF कांस्टेबल के खूनी खेल और मौत के भीषण तांडव को देख यात्री दहशत से चीखने लगे। गोलियों की आवाज ने यात्रियों की गहरी नींद भी खोल दी। क्योंकि सुबह का वक्त था तो अधिकतर यात्री तो सो ही रहे थे। उन्हें पहले कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ है? लेकिन तेज आवाज सुनी तो वह घबरा जरूर गए। फिलहाल ट्रेन में ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज सुन यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्री बोगी छोड़कर इधर-उधर भागने लगे। तो कुछ अपने-अपने स्थान पर ही आड़ लेकर दुबककर बैठ गए। बच्चे डरने लगे। जिन्हें महिलाओं ने छिपा लिया। सामने खून से लथपथ लाशें देख यात्रियों की सांसें अटकी हुईं थीं।