असम में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही, जहां 30 जिलों में 24.50 लाख से अधिक लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं और कई स्थानों पर प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस वर्ष बाढ़ में 52 लोगों की मृत्यु हुई तथा भूस्खलन और तूफान के कारण 12 अन्य लोगों की जान चली गई। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से लौटने के बाद शुक्रवार देर रात अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘डिब्रूगढ़ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद हमने असम आरोग्य निधि-स्वास्थ्य वित्तीय सहायता योजना सहित कई मामलों की समीक्षा की।’ सरमा ने यह भी कहा कि उन्होंने अधिकारियों से विशेष रूप से ‘दुर्लभतम मामलों को प्राथमिकता देने और उन लोगों के आवेदनों को प्राथमिकता देने को कहा है जो किसी भी मौजूदा योजना के अंतर्गत कवर नहीं हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत करने के बाद उन्होंने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को संदेश भेजे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे लिए सक्रिय शासन प्रभावी सार्वजनिक सेवा की कुंजी है।”
बाढ़ से राज्य भर में काफी नुकसान हुआ
स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि बाढ़ से राज्य भर में काफी नुकसान हुआ है, लेकिन ‘जल जीवन मिशन’ योजना ‘इन कठिन समय में उम्मीद की किरण’ बनकर सामने आई है।उन्होंने कहा, ‘परिवर्तनकारी जल आपूर्ति परियोजना इन कठिन समय में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति कर रही है।’ बाढ़ से प्रभावित जिलों में कछार, कामरूप, हैलाकांडी, होजाई, धुबरी, नागांव, मोरीगांव, गोलपारा, बारपेटा, डिब्रूगढ़, नलबाड़ी, धेमाजी, बोंगाईगांव, लखीमपुर, जोरहाट, सोनितपुर, कोकराझार, करीमगंज, दक्षिण सलमारा, दरांग और तिनसुकिया शामिल हैं।
भूस्खलन और तूफान से 64 लोगों की मौत- ASDMA
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, इस वर्ष बाढ़, भूस्खलन और तूफान से 64 लोगों की मौत हुई है। इसमें कहा गया है कि धुबरी की आबादी 7,75,721, दारंग की आबादी 1,86,108, कछार की आबादी 1,75,231, बारपेटा की आबादी 1,39,399 और मोरीगांव की आबादी 1,46,045 सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं। कुल मिलाकर 47,103 प्रभावित लोगों ने 612 शिविरों में शरण ली है, जबकि गैर-राहत शिविरों में 4,18,614 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है।
कैबिनेट मंत्री भी बाढ़ प्रभावित जिलों में डेरा डाले हुए
कामरूप (महानगर), कामरूप और डिब्रूगढ़ जिलों के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है। कैबिनेट मंत्री भी विभिन्न बाढ़ प्रभावित जिलों में डेरा डाले हुए हैं। सरमा ने कहा कि वह और उनकी पूरी टीम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए मौके पर है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम लोगों की शिकायतें सुनने और उनके मुद्दों को हल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।”
ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही
ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, गुवाहाटी, ग्वालपाड़ा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां चेनिमारी में बुरही दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलामुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, एनटी रोड क्रॉसिंग पर जिया भराली और कामपुर और धरमतुल में कोपिली भी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। बराक नदी एपी घाट, बीपी घाट, छोटा बकरा और फुलेरताल में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, तथा इसकी सहायक नदियां घरमुरा में धलेश्वरी, मतिजुरी में कटाखाल और करीमगंज शहर में कुशियारा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।बुलेटिन में कहा गया है कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे में 225 सड़कें और 10 पुल शामिल हैं।