समाजवादी पार्टी के विधायक की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को मंगलवार को जेल से रिहा किए जा सकते हैं. उन्हें 8 साल 9 महीने के बाद नैनी सेंट्रल जेल से रिहा किया जाएगा. उम्रकैद की सजा में शासन ने 19 जुलाई को समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया था.
दरअसल, योगी सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने उदयभान करवरिया की उम्र कैद की बाकी सजा को माफ कर दिया था. प्रयागराज और कौशांबी के थानों से पूर्व विधायक को किसी अन्य मामले में निरुद्ध नहीं रखने की रिपोर्ट भेजी गई है. जेल अधिकारियों को भी कारागार प्रशासन और सुधार सेवाएं विभाग की ओर से उदयभान को रिहा करने का आदेश मिल चुका है.
सरकार के फैसले पर विवाद
जेल में रिहाई का आदेश मिलने के बाद अब कागजी औपचारिकताओं के बाद मंगलवार को रिहाई हो सकती है. हालांकि योगी सरकार के सजा माफी कराए जाने के फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मौत के घाट उतारे गए पूर्व विधायक जवाहर पंडित के परिवार वालों और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
विधायक की हत्या जैसे गंभीर आरोपों में दोषी करार दिए गए सजायाफ्ता कैदी को माफी दिए जाने पर सपा नेताओं ने एतराज बताया है. परिजनों और विपक्षी नेताओं का कहना है कि योगी सरकार एक तरफ कानून व्यवस्था की दुहाई देती है और दूसरी तरफ विधायक की हत्या के दोषी बीजेपी नेता को कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल से रिहा कराने का काम करती है.
सपा नेताओं का कहना है कि उम्र कैद की सजा काट रहा मुलजिम बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक है, इसलिए उसकी सजा माफ कराई गई है. इसी वजह से मौत के घाट उतारे गए विधायक जवाहर पंडित का परिवार योगी सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती देने की तैयारी में है.