गोरखपुर। ठगी कर दुष्कर्म में फंसाकर रंगदारी मांगने वाले गैंगस्टर विकास कुमार सिन्हा का एक और नया कारनामा सामने आया है। विकास ने गैंगस्टर एक्ट में जब्तीकरण की कार्रवाई से बचने के लिए जेल से ही अपनी लक्जरी गाड़ी बेच दी। विकास के हाथों ठगी के शिकार एक पीड़ित ने साक्ष्य के साथ एसएसपी से इस बारे में शिकायत की है। पुलिस जांच आगे बढ़ाते हुए गाड़ी बेचने और उसके नियमों की भी जानकारी जुटा रही है। इसके लिए आरटीओ से भी पुलिस संपर्क करेगी।
विकास द्वारा रुपये लेकर फर्जी केस में फंसाए गए गोरखनाथ चक्सा हुसैन निवासी इम्तियाज की पत्नी सैबा अनवार ने एसएसपी से शिकायत की है। उन्होंने बताया है कि 19 अक्टूबर 2023 में विकास सिन्हा को शाहपुर पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। इसी दौरान जेल में रहते हुए विकास ने धीरे से अपनी करीब 40 लाख रुपये कीमत की लक्जरी गाड़ी बेच दी। उन्होंने बताया कि यह जांच पूरी होगी तो आरटीओ के कुछ कर्मचारी भी इसमें फंस सकते हैं।
इम्तियाज पर लगवा दिए थे पांच केस
मोतिहारी जिले के टाउन हाल बलुआताल निवासी विकास सिन्हा जेल बाईपास पादरी बाजार के पास अस्पताल चलाता था। वह शहर के सालिकराम मोहल्ले में किराए पर रहता था। उसने व्यापार और हॉस्पिटल में शेयर देने के नाम पर चक्सा हुसैन निवासी इम्तियाज से 10 लाख रुपये लिए। रुपया मांगने पर इम्तियाज पर छेड़खानी, पाॅक्सो और दुष्कर्म समेत पांच केस दर्ज करा दिए। इसके बाद समझौता कराने के लिए इम्तियाज से 50 लाख रुपये मांगने लगा।
पति को बचाया, अब खोला मोर्चा
पति इम्तियाज को बचाने के लिए उसकी पत्नी सैबा अनवार ने तीन साल तक केस की पैरवी की। सैबा अनवार ने पुलिस को साक्ष्य उपलब्ध कराए, जिसके बाद विकास सिन्हा गैंग का पर्दाफाश हुआ। अक्टूबर 2023 में फर्जी केस और रंगदारी वसूलने के मामले में विकास पर केस दर्ज हुआ और वह जेल गया। इसके बाद से ही सैबा अनवार विकास सिन्हा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने अब पड़ताल कर एक नई शिकायत एसएसपी से की है। जांच में मामला सही पाए जाने पर एक और केस विकास पर दर्ज हो सकता है।
सात मई को फिर जेल भेजा गया विकास
चिलुआताल पुलिस ने डीएम के अनुमोदन पर गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने सात मई मंगलवार को गैंग के सरगना विकास कुमार सिन्हा और उसकी पत्नी रेखा सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनको कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।
गाड़ी ट्रांसफर की एक प्रक्रिया है। इसमें जो मालिक है उसे फॉर्म 29-30 पर अपना कंसेंट देना होता है। उसका उपस्थित होना जरूरी नहीं है। अगर कोई पुलिस कस्टडी में है तो वह जेलर से संपर्क कर प्रक्रिया के अनुसार डिमांड करेगा। जेल प्रशासन आरटीओ को इसकी सूचना देंगे, जिसके बाद वहां फॉर्म भेजा जाएगा और उसके अनुसार आगे की कार्यवाही होगी। जेल से गाड़ी ट्रांसफर के लिए फिलहाल कोई डिमांड नहीं आई है।
– संजय कुमार झा, आरटीओ, प्रवर्तन
गैंगस्टर विकास के खिलाफ एक शिकायत आई है। इसकी जांच की जा रही है। जांच के दौरान मामला सही पाए जाने पर जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. गौरव ग्रोवर, एसएसपी