लखनऊ। बीबीडी थाना अंतर्गत इंदिरानहर के पास रील बना रही युवती का पैर फिसल गया और वह नहर में गिर गई। युवती को पानी में डूबता देख उसके दोस्त चीख-पुकार मचाने लगी। तभी राहगीरों की भीड़ नहर के पास एकत्र हो गई। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से नहर में सर्च ऑपेरशन किया। बावजूद इसके युवती का कहीं सुराग नहीं मिला। पूर्व में भी टंकी पर चढ़कर रील बना रहा युवक अंदर गिर पड़ा था। जिससे उसकी मौत हो गई थी।
एसीपी विभूतिखंड अनिद्य विक्रम सिंह के मुताबिक, इंदिरानगर थाना अंतर्गत सेक्टर- सी टेढ़ी पुलिया निवासी शकील खान सपरिवार रहते हैं। रविवार को उनकी बेटी मनीषा खान (18) अपनी दो बहन एक दोस्त व एक रिश्तेदार के साथ उसके ऑटो रिक्शा से बीबीडी स्थित इंदिरा नहर घूमने आई थी। पूछताछ में पता चला कि शाम करीब साढ़े बजे मनीषा नहर के पास खड़ी होकर इंस्टाग्राम पर रील बनाने लगी थी। इसी बीच उसका सन्तुलन बिगड़ गया और वह नहर में गिर पड़ी।
मनीषा को नहर में गिरता देख उसकी बहन रिश्तेदार व सहेली चीखने-चिल्लाने लगी। तभी मनीषा को बचाने के लिए उसका रिश्तेदार नहर में कूद पड़ा, लेकिन पानी के बहावा में वह डूबने लगा। अचानक शोर-शराबा सुनकर राहगीरों ने युवक को बेल्ट के सहारे बाहर निकला। इसके बाद मौजूद लोगों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी।
मौके पर पहुंची बीबीडी पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद नहर में सर्च आपरेशन किया। बावजूद इसके युवती का कहीं सुराग नहीं मिला। प्रभारी निरीक्षक अजय नारायण सिंह ने बताया कि युवती की तलाश में पुलिस ने करीब दो घंटे तक रेस्क्यू अभियाना चलाया है, लेकिन नतीजा शून्य रहा। फिलहाल, अभी कुछ ही कह पाना बेहद मुश्किल है।
हाइड्रोलिक मशीन से टंकी से निकाला गया था शव
गौरतलब है कि 18 अप्रैल को आशियाना के रतनखंड इलाके पानी की टंकी पर चढ़कर रील बना शिवांश अग्रवाल (19) का संतुलन बिगड़ने से वह उसके भीतर गिर गया था। पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई थी। उसके साथियों व इलाकाई लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद से उसके शव को हाइड्रोलिक मशीन की मदद से टंकी के भीतर से निकाला था। शिवांश अग्रवाल रजनीखंड का रहने वाला था। उसके पिता राकेश अग्रवाल सिक्योरिटी गार्ड हैं।
सस्ती लोकप्रियता बन रही मौत की वजह
मनोवैज्ञानिक डॉ सृष्टि श्रीवास्तव ने बताया कि लोगों अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए युवा पीढ़ी रील बनाने का जोखिम लेती है। रील बनाते समय लोग यह नहीं सोचते की यह उनके जीवन की अंतिम रील है। खासतौर सस्ती लोकप्रियता के चलते लोग हैरतअंगेज कदम उठाते हैं। जो उनकी मौत की वजह भी बन जाती है।
सावधनी बरतें….ताकि शौक जानलेवा न बने
- ट्रेन या अन्य किसी वाहन के सामने रील बनाने से बचें।
– बीच सड़क या इमारत पर जान जोखिम में डालकर रील न बनाएं।
– चलती कार के ऊपर खड़े होकर या रफ्तार में वाहन चलाकर रील न बनाएं।
– बाइक या अन्य किसी वाहन से स्टंटबाजी कर रील बनाने से बचें।