भारत के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ का कहना है कि सलमान खान भी उनके टारगेट पर है, मौका मिलेगा तो जरूर मारेंगे. गोल्ड़ी बराड़ ने यह बात दिए गए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही है. साथ ही उसने कई मामलों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए. उसने यह भी बताया कि उसका गैंग खालिस्तान के आइडिया को सपोर्ट नहीं करता.
गोल्डी बराड़ एक ऐसा अपराधी है, जो देश के बाहर बैठकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता है. भारत की तमाम एजेंसियों को उसकी तलाश है. इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. यहां तक कि उसका नाम कनाडा पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में भी शामिल है. उसके सिर पर डेढ़ करोड़ का इनाम रखा गया है. लेकिन गोल्डी अभी तक पुलिस और खुफिया एजेंसियों की पहुंच से बाहर है.
सलमान को फिर धमकी
कुख्यात गैंगस्टर सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ ने खुलकर बात की. उसने जहां अपने इंटरव्यू में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का मर्डर कराए जाने की वजह का खुलासा किया, वहीं गोल्डी ने कहा कि अभिनेता सलमान खान भी हमारे टारगेट पर है, मौका मिलेगा तो जरूर मारेंगे. साथ ही उसने सफाई देते हुए कहा कि वो खालिस्तान का समर्थन नहीं करता और ना ही आईएसआई से उसकी दोस्ती है.
सलमान खान को कई बार मिली धमकी
आपको बता दें कि बॉलीवुड सुपर स्टार सलमान खान को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ कई बार धमकी दे चुके हैं. सलमान को धमकी मिलने का ये सिलसिला साल 1998 से चला आ रहा है. ये वही साल था, जब काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान का नाम आया था. अब सवाल उठता है कि आखिर कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का इस मामले से क्या लेना-देना है? क्यों वो और उसका गैंग सलमान खान की जान का दुश्मन बना हुआ है? आइए जान लेते हैं, इस दुश्मनी की असल वजह.
ये है सलमान खान को धमकी दिए जाने की वजह
अभिनेता सलमान खान का नाम साल 1998 में काला हिरण शिकार मामले में आया था. तभी से बिश्नोई समाज सलमान खान का विरोध करने लगा था. उनकी फिल्मों का बहिष्कार करने लगा था. यहां तक कि उनकी फिल्मों के गाने तक इस समाज में नहीं सुने जाते थे. सलमान उनके लिए एक बुरे आदमी बन चुके थे. इस समाज के आम लोग भले ही सलमान के खिलाफ ज्यादा आवाज नहीं उठा पाए थे, लेकिन गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जब सुर्खियों में आया और अपराध की दुनिया में उसका सिक्का चलने लगा तो उसने सलमान खान को जान से मारने की धमकी दे डाली. यहां तक कि कई बार ऐसा भी हुआ कि जब काला हिरण शिकार में मामले में सलमान खान को जोधपुर कोर्ट में पेश होना था, तो उसी वक्त धमकी मिलने की वजह से लॉरेंस बिश्नोई गैंग या उसके किसी गुर्गे की धमकी मिलने के बाद सलमान सुरक्षा का हवाला देकर कोर्ट में पेशी पर नहीं पहुंचे थे.
सलमान खान के घर की रेकी
जून 2021 में भी एजेंसियों ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से कड़ी पूछताछ की थी. उसी दौरान एक ऐसा खुलासा हुआ था, जिसने मुंबई पुलिस की नींद उड़ा दी थी. ये खुलासा था सलमान खान की हत्या की साजिश का. लॉरेंस ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया था कि उसने सलमान खान को मारने के लिए राजस्थान के गैंगस्टर संपत नेहरा को जिम्मेदारी दी सौंपी थी.
सलमान का मारना चाहता था गैंगस्टर संपत
इसके बाद गैंगस्टर संपत नेहरा मुंबई गया और उसने सलमान खान के घर की रेकी की थी. लेकिन ज्यादा दूरी होने की वजह से वो सलमान खान तक नहीं पहुंच पाया था. रेकी के दौरान ही संपत सलमान को निशाना बनाना चाहता था. मगर उसके पास पिस्टल थी, जिससे वो ज्यादा दूरी से शूट नहीं कर सकता था. इसके बाद एक बार फिर संपत नेहरा ने अपने गांव के दिनेश फौजी के जरिए एक स्प्रिंग रायफल मंगवाई थी. स्प्रिंग रायफल लारेंस बिश्नोई ने अपने जानकार अनिल पांड्या से 3 से 4 लाख रुपये की कीमत में खरीदी थी. वो रायफल दिनेश फौजी के पास रखी थी, जिसे पुलिस ने ट्रेस कर लिया और फिर संपत नेहरा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
काला हिरण से बिश्नोई समाज का कनेक्शन
आतंकी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का संबंध बिश्नोई समाज है. जो मूलतः जोधपुर के पास पश्चिमी थार रेगिस्तान से ताल्लुक रखता है. यह समाज प्रकृति के प्रति प्रेम के लिए जाना जाता है. बिश्नोई समाज में जानवर को भगवान तुल्य मान जाता है और खासकर हिरण. इसीलिए इस समाज के लोग हिरण और अन्य पशुओं के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटते हैं. वे काला हिरण की पूजा करते हैं. दरअसल, ये लोग हिरण को भगवान की तरह मानते हैं और इसका संरक्षण करते हैं. राजस्थान के कुछ गांवों में आज भी महिलाएं हिरण के बच्चों को अपना दूध पिलाती हैं. कुछ साल पहले एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें एक महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही थी.
ऐसे लोगों को मिलता है शहीद का दर्जा
बिश्नोई समाज में प्रकृति के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले लोगों को शहीद का दर्जा देता है. बता दें कि इस समाज के कई ऐसे लोग भी हुए हैं, जिन्होंने जानवरों के लिए अपनी जान भी गंवाई है, उसमें गंगा राम विश्नोई जैसे कई नाम शामिल हैं. कुछ वर्षों पहले बिश्नोई समाज का एक युवक निहालचंद वन्यजीवों की रक्षा की कोशिश में शिकारियों से लड़ते हुए अपनी जान पर खेल गया था. बाद में इस घटना पर ‘विलिंग टू सैक्रीफाइस’ फिल्म भी बनी थी.
बिश्नोई समाज के 29 नियम
दरअसल बिश्नोई बीस (20) और नोई (9) से मिलकर बना है और यह समाज 29 नियमों का पालन करता है. इन नियमों में एक नियम शाकाहारी रहना और हरे पेड़ नहीं काटना भी शामिल है. साथ ही ये लोग जम्भोजी को पूजते हैं. बिश्नोई समाज के लोग लगभग 550 साल से प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं. काला हिरण विलुप्त होती प्रजाति है जिसकी सुरक्षा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत की जाती है.
प्रकृति की रक्षा के लिए दे सकते हैं जान
चिपको आंदोलन में भी विश्नोई समाज का अहम योगदान है. बिश्नोई समाज आमतौर पर पर्यावरण की पूजा करने वाला समुदाय माना जाता है. ये बिश्नोई समाज ही था जिसने पेड़ों को बचाने के लिए अपने जान की आहुती दी थी. जोधपुर के राजा द्वारा पेड़ों के काटने के फैसले के बाद एक बड़े पैमाने पर बिश्नोई समाज की महिलाएं पेड़ों से चिपक गई थीं और उन्हें काटने नहीं दिया. इसी के तहत पेड़ों को बचाने के 363 बिश्नोई समाज के लोगों के अपनी जान भी दे दी थी.
क्या है काला हिरण शिकार मामला?
बात साल 1998 की है. सितंबर-अक्टूबर के महीने में जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग चल रही थी. आरोप है कि इसी दौरान सलमान खान अपने साथी कलाकारों के साथ भवाद गांव की तरफ शिकार करने के लिए गए थे. जहां 27-28 सितंबर 1998 की रात घोड़ा फार्म हाउस में काले हिरण का शिकार किया गया. जिसका इल्जाम सलमान खान पर लगा था. इसके लिए उन्हें दोषी भी करार दिया गया था.