उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी के वनभूलपुरा में उपद्रव की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन के सख्त ऐक्शन मोड का रिजल्ट देखने को मिला है। हल्द्वानी हिंसा के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने वनभूलपुरा मामले में मुख्य आरोपी मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
इससे पहले पुलिस सपा नेता के भाई, और दो निर्वर्तमान पार्षद समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हल्द्वानी हिंसा में पत्थरबाजी, पेट्रोल बम-अवैध हथियार, और आगजनी में शामिल करीब 50 संदिग्धों को भी पकड़ा जा चुका है। हल्द्वानी हिंसा में शामिल आरोपियों की धड़पकड़ के लिए पुलिस टीम ने दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाण आदि में छापेमारी की कार्रवाई कर रही है।
वनभूलपुरा में उपद्रव कर हिंसा फैलाने वालों की धरपकड़ तेजी से चल रही है। एसएसपी ने अलग-अलग दर्जन भर टीमें बनाकर उपद्रवियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। वहीं उपद्रवियों के राज्य से बाहर जाने की सूचना भी पुलिस के पास है। वहीं वनभूलपुरा में पीएसी के साथ ही एसएसबी जवान भी तैनात किए हैं।
उपद्रव के तीसरे दिन भी वनभूलपुरा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती बढ़ा दी है। सीएम से लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी का दौरा होने के बाद वनभूलपुरा में फोर्स की सक्रियता बढ़ाई गई है। गुरुवार को उपद्रव के दौरान पीएसी और पुलिसफोर्स के जवानों ने सामना किया, शुक्रवार को आईटीबीपी और शनिवार को क्षेत्र में एसएसबी के जवानों को भी तैनात कर दिया है।
हल्द्वानी के ताज चौराहा, रेलवे बाजार तिराहा, आंवला गेट चौकी, मंडी चौकी, मेडिकल चौकी चारों तरफ से पुलिस के साथ पीएसी व एसएसबी जवानों की ड्यूटी लगाई है। एसएसपी ने करीब 12 अलग-अलग टीमों का गठन किया है। वीडियो से उपद्रवियों की पहचान करने का काम चार अन्य टीमें कर रही हैं।
वहीं वनभूलपुरा में टीम ने धरपकड़ शुरू कर दी है। घरों से निकालकर उपद्रवियों को हिरासत में लिया जा रहा है। उपद्रव फैलाने वाले कई लोग रात के अंधेरे का फायदा उठाकर जिला व राज्य से बाहर भागने में कामयाब हो गए।
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया उनकी तलाश में कुछ टीमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली व अन्य राज्यों में भेजी हैं। पुलिस सूत्रों की बात मानें तो मलिक की गिरफ्तारी पर एसएसपी जल्द ही खुलासा कर सकते हैं।
हल्द्वानी हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक कौन?
मलिक का बगीचा पर कब्जा कर अवैध निर्माण कराने वाले अब्दुल मलिक को भी पुलिस ने मुकदमे में नामजद किया है। वह अभी फरार है। उसकी तलाश में भी टीमें दबिश दे रही हैं। वहीं शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस से मास्टर माइंड कौन है ये सवाल पूछा गया तो एसएसपी ने बताया, नजूल भूमि पर अवैध निर्माण का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने किया था।
इतने बड़े बवाल की गंभीरता से छानबीन की जा रही है। मुख्य मास्टर माइंड कौन है एक या एक ज्यादा लोगों की सोची समझी साजिश है यह पता किया जा रहा है। भले ही मास्टर माइंड कोई हो लेकिन, अब्दुल मलिक सबसे ज्यादा शक के घेरे में है।
सपा नेता का भाई समेत 5 हो चुके गिरफ्तार
समाजवादी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई लाइन नंबर 17 निवासी सपा कार्यकर्ता जावेद सिद्दीकी, निवर्तमान पार्षद लाइन नंबर 16 निवासी महबूब आलम, लाइन नंबर 14 इंद्रानगर निवासी जीशान परवेज, लाइन नंबर 12 निवासी खनन कारोबारी अरशद अय्यूब और लाइन नंबर 3 निवासी डेरी संचालक असलम उर्फ असलम चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि पांचों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
पहले भी मुकदमा झेल चुके हैं दो आरोपी
शनिवार को पुलिस जिन पांच लोगों की गिरफ्तारी दिखाई थी। उनमें से दो आरोपी अरशद व जावेद सिद्दीकी वर्ष 2005 में हुए शनि बाजार मामले में मुकदमा और गिरफ्तारी झेल चुके हैं। हालांकि उस मामले में दोनों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। एक आरोपी असलम उर्फ असलम चौधरी क्षेत्र में दूध डेयरी चलाता है।
महिला उपद्रवियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ
पीएसी और पुलिस जहां पुरुष उपद्रवियों व युवाओं की धरपकड़ कर रही है। वहीं महिला पीएसी व पुलिसकर्मी और प्रशासनिक महिला अधिकारियों की टीमों को भी शनिवार को वनभूलपुरा क्षेत्र में उतारा गया।
पूरे सुरक्षा इंतजामों के साथ महिला अधिकारियों व फोर्स की छह टीमें मलिक का बगीचा और उसके आसपास के क्षेत्र में पहुंची। वीडियोग्राफी और मोबाइल वीडियो के आधार पर चिह्नित हुए घरों व पथराव करने वाली महिलाओं को पकड़कर उनसे पूछताछ की गई।
50 से ज्यादा आरोपियों को पकड़ा
हल्द्वानी हिंसा के बाद पुलिस का जबरदस्त ऐक्शन हुआ है। पुलिस ने हिंसा में शामिल पांच आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने 50 से ज्यादा संदिग्घ आरोपियों को भी पकड़ा है। हिंसा से जुड़े हर इनपुट के लिए पुलिस संदिग्घों की धड़पकड़ करने में जुटी हुई है।
उपद्रवियों को आजीवन कारावास तक संभव
हल्द्वानी उपद्रव में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। सभी मामलों में पुलिस ने दंगा भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ हत्या के प्रयास की धारा के अलावा कई अन्य धाराएं लगाई हैं। जिसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट में दोषी साबित होने पर आरोपियों को उम्रभर के लिए सलाखों के पीछे भेज सकती है।