अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य मंदिर (Ram Mandir) बनकर तैयार हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद देश-विदेश से मिले चंदे के पैसे से रामलला का घर तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंदिर निर्माण में लगी रकम को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार और रामभक्तों की तरफ से कितना पैसा मिला?
सीएम योगी ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शन था, विश्व हिंदू परिषद का नेतृ्त्व का था और आशीर्वाद पूज्य संतों का था। उस आंदोलन में रामजन्मभूमि में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसमें एक पाई सरकार ने नहीं दी है और ना केंद्र की सरकार ने। ना ही राज्य की सरकार ने। मंदिर के किसी काम में नहीं दिया। ये सारा का सारा पैसा रामभक्तों ने देश भर से दिया है, दुनिया भर से दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘एक-एक पाई का हिसाब रखकर के राम जन्मभूमि न्यास इस मंदिर के निर्माण कार्य को आगे बढ़ा रहा है। हां, इतना जरूर है कि मंदिर परिसर के बाहर अयोध्या में हो रहे निर्माण कार्य जैसे कि रेलवे स्टेशन का काम, एयरपोर्ट का निर्माण, सड़क का चौड़ीकरण, पार्किंग की सुविधा। ये सब काम सरकार कर रही है और काम सरकार की पॉलिसी के तहत किया जा रहा है।’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का श्रेय नहीं ले रहे हैं। हम तो वहां सेवक बनकर जा रहे हैं। मंदिर का आमंत्रण कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत सबको मिला है। उन्हें राम मंदिर में आने से किसी ने रोका नहीं है। वो राम के सेवक बनकर आएं, जो राम का सेवक बनकर आएगा, उसका स्वागत है। राम मंदिर आंदोलन में हम सब बहुत पहले से जुड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन की वजह से वह संन्यासी हैं।
सीएम योगी ने कहा कि हम लोग रामभक्त और राम के सेवक के रूप में मंदिर में मौजूद रहेंगे। हमें सौभाग्य मिला है कि हम रामकाज में सहभागी बन गए हैं। जिस काम को दर्जनों पीढ़ियां नहीं देख पाईं, वो समय 500 साल बाद आया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए 3 लाख से ज्यादा लोग शहीद हुए और 76 से ज्यादा बार संघर्ष हुआ। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग गोरखपीठ आते रहते थे। आज परिणाम के रूप में राम मंदिर सबके सामने है। मेरे गुरु और दादा गुरु इस आंदोलन में शामिल रहे। अब मैं इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनूंगा, ये मेरा सौभाग्य है।