गाजियाबाद। हाईकोर्ट ने वसुंधरा सेक्टर-एक के भूखंड संख्या 831 पर बनी तीन मंजिला इमारत को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। यह इमारत पांच अगस्त को ध्वस्त की जाएगी। आरोप है कि बिल्डर ने इमारत को मानचित्र के विरुद्ध बनाया है। आवास विकास परिषद (आविप) ने नोटिस चस्पा कर इमारत को खाली करने का आदेश दिया है।
बिल्डर और आविप के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। उनकी गाढ़ी कमाई फ्लैट खरीदने में चली गई। हिमांशु प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 297.60 वर्ग मीटर पर भूखंड पर भूतल के साथ दो मंजिला इमारत बनाने का मानचित्र पास कराया था।
तीन फ्लैट की जगह बना दिए 34 फ्लैट
मानचित्र के अनुसार, एक तल पर थ्री बीएचके या फोर बीएचके का एक फ्लैट बनाया जा सकता था। इस तरह इस भूखंड पर तीन फ्लैट ही बनाए जा सकते थे। बिल्डर ने भूतल पर सात और ऊपर के दो तलों पर आठ-आठ फ्लैट बना दिए। यानी कुल 23 फ्लैट वन बीएचके बना दिए।
24-25 लाख रुपये में बिके फ्लैट
साल 2012 में फ्लैट बेचने शुरू कर दिए। लोगों का कहना है कि उस दौरान फ्लैट की कीमत 24-25 लाख रुपये थी। फ्लैट खरीदार पुष्पा नाम की महिला ने अप्रैल में अवैध निर्माण की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल कर दी। कोर्ट ने 17 जुलाई को आवास विकास परिषद को इस इमारत को तोड़ने का आदेश दिया।
धोखाधड़ी करने का आरोप
आदेश के अनुसार, पांच अगस्त तक इसे ध्वस्त करना है। आविप को नौ अगस्त को कोर्ट में ध्वस्त करने की रिपोर्ट पेश करनी है। नोटिस में पांच अगस्त इमारत को ध्वस्त करने की तिथि तय कर दी है। लोगों ने आविप और बिल्डर पर मिलीभगत कर उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
इस बारे में आविप के अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्रा को फोन किया तो उन्होंने अधिशासी अभियंता संजीव शुक्ला पर जिम्मेदारी डाल दी। संजीव शुक्ला को कई बार मैसेज और फोन किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
एक मंजिल लोगों ने खुद बनाई
जिन लोगों ने दूसरे तल पर फ्लैट खरीदे थे, उन्होंने अपने-अपने फ्लैट के ऊपर फ्लैट बना लिए। इस तरह इमारत में लोगों ने एक मंजिल और बढ़ा दी। यह निर्माण भी अवैध तरीके से किया गया है।
मानचित्र के अनुसार, भूतल के साथ दो मंजिल का निर्माण ही किया जा सकता है। लोगों ने कहा कि उन्हें इस शर्त पर दूसरे तल पर फ्लैट खरीदा था कि वह अपने फ्लैट के ऊपर भी निर्माण कर सकते हैं। आरोप है कि बिल्डर ने इसकी अनुमति दी थी।