संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले निवासियों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है वहीं ग्रेटर नोएडा की गंगाजल परियोजना के पाइप जगह-जगह फट रहे है और जिसे लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। प्राधिकरण की तरफ से गंगाजल परियोजना के द्वारा पूरे ग्रेटर नोएडा वाशियों को पीने का शुद्ध पानी देने का वादा किया गया था लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी दर्जनों सेक्टरो तक गंगाजल परियोजना नहीं पहुंच पाई है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की गंगाजल परियोजना का काफी समय पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया था। जिसके साथ ही इस ड्रीम प्रोजेक्ट को ग्रेटर नोएडा वीडियो के लिए लाभकारी बताते हुए घर-घर तक गंगाजल पहुंचने का वादा किया गया था। लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक ग्रेटर नोएडा के लोगो को गंगाजल परियोजना का लाभ नहीं मिला है। जहा इस चिलचिलाती गर्मी में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई सोसाइटियों में पीने के पानी की किल्लत से लोगों को जूझना पड़ रहा है वही सड़को पर लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
समाजसेवी हरेंद्र भाटी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी सेक्टरो में गंगाजल परियोजना पहुंचने का दावा किया था मगर वास्तविकता बिल्कुल विपरीत है। सालों पहले गंगाजल परियोजना ग्रेटर नोएडा के सभी सेक्टरों में पहुचाने का लक्ष्य रखा गया था मगर सेक्टरो व सोसाइटियों के अंदर अभी तक गंगाजल का पानी नहीं पहुंचा है। सेक्टर 37 की सर्विस रोड के साथ ही जगह-जगह पाइपलाइनो से फुटकर लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट की डेढ़ से 2 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा वाशियों को समर्पित किया था। आज भी दर्जनों सेक्टरों में गंगाजल परियोजना के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य अधूरा है। वही इस परियोजना के शुरुआती समय में बिछाई गई 10 से 15 साल पुरानी पाइपलाइन खस्ता हाल हो चुके हैं। जिससे अब गंगाजल जैसा अनमोल जल पाइप लाइनों के फट जाने से बर्बाद हो रहा है और नालियों व सड़कों पर जल बह रहा है। वहीं ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में रहने वाले लोग बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। लाखों नागरिकों की प्यास बुझाने का काम अभी भी अधूरा है। कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से शिकायत की गई है लेकिन उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसके चलते गंगाजल नालियों, सड़कों पर रिसाव होकर व्यर्थ बर्बाद हो रहा है और घरों तक पहुंचाने का कोई हल नहीं निकल रहा है।