किसान 8 मई को काली पट्टी बांधकर निकालेंगे जुलूस
संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान सभा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन महापड़ाव 11 दिन भी जारी है। किसान सभा के कार्यकर्ता 8 मई को काली पट्टी बांधकर जुलूस निकालेंगे वही 15 मई को हजारों की संख्या में प्राधिकरण का घेराव करने की योजना है। किसान अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण पर डटे हुए हैं और किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर लगभग 50 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों को कहना है कि प्राधिकरण की तरफ से उन्हें लीजबैक, आबादी नियमावली, बढ़ा हुआ मुआवजा और रोजगार सहित अन्य मांगो को प्राधिकरण ने पूरा नहीं किया है जिसको लेकर यहां के किसान धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है। किसान आगामी 8 मई को जेपी गोल चक्कर से परी चौक होते हुए वापस जेपी गोल चक्कर पर काली पट्टी बांधकर जुलूस निकालेंगे और 15 मई को हजारों की संख्या में प्राधिकरण के घेराव करने का कार्यक्रम रखा गया है।
प्राधिकरण ने किसानों को गुमराह करने की नीयत से शासन को भेजा प्रस्ताव
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने बताया कि प्राधिकरण अधिकारियों से हुई वार्ता के क्रम में प्राधिकरण के स्तर से कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है। 10% के मुद्दे पर ठाकुर जयवीर सिंह की हाई पावर कमेटी ने सभी को 64% मुआवजा और 10% प्लॉट देने की सिफारिश की थी। 91 वी बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने 64% मामले की सिफारिश मान ली जबकि 104 वी बोर्ड बैठक में 10% प्लॉट देने का प्रस्ताव पास कर अनुमोदन के लिए शासन को भेज दिया गया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जानबूझकर गुमराह करने की नियत से प्रस्ताव को शासन को प्रेषित किया था जबकि इस संबंध में शासन स्तर से पहले ही हाई पावर कमेटी की सिफारिशें मौजूद थी अभी भी प्राधिकरण किसानों के साथ वार्ता में समय का अनुमोदन प्राप्त करने की जिद किए हुए हैं जबकि हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के मद्देनजर शासन के अनुमोदन की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस तरह 91 बोर्ड बैठक में 64% मुआवजा के संबंध में सिफारिश अपना ली गई थी उसी तरह 10% के संबंध में हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को अपनाकर बिना शासन के अनुमोदन के ही आवश्यकता के प्लॉट दिए जा सकते हैं। प्राधिकरण के अधिकारी शासन का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने की बात कहकर किसानों को गुमराह कर रहे है।
प्राधिकरण की लापरवाही से अटके किसानों के आबादी प्रकरण
इसी तरह प्राधिकरण की ओर से 533 आबादी प्रकरणों एवं 208 बादलपुर के प्रकरणों में शासन स्तर पर पैरवी नहीं की जा रही है जिसके कारण कई वर्षों से उक्त प्रकरण लीज हेतु अटके पड़े हैं। शिफ्टिंग के संबंध में भी प्राधिकरण के अधिकारी किसानों को गुमराह कर रहे हैं प्राधिकरण ने अपनी जरूरत के अनुसार किसानों की आबादी को विकसित क्षेत्र से कम विकसित क्षेत्र में शिफ्टिंग की है।
शिफ्टिंग के संबंध में आबादी नियमावली में पहले से प्रावधान मौजूद है परंतु प्राधिकरण किसानों को नुकसान पहुंचाने के मकसद से शिफ्टिंग के 211 प्रकरणों में शिफ्टिंग का रकबा आधा करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया पिछले 3 माह से किसानों से वार्ता में प्राधिकरण अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को गलत माना परंतु इस पर आज तक कोई कार्यवाही प्राधिकरण के द्वारा नहीं की गई।
प्राधिकरण ने कई वर्षों से नही बढ़ाया सर्किल रेट
किसान नेता पप्पू प्रधान ने बताया कि किसान अबकी बार प्राधिकरण के बहकावे अथवा आश्वासन में आने वाले नहीं है मुद्दों पर ठोस कार्रवाई के बिना महापड़ाव जारी रहेगा। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि सीधी खरीद के मामले में प्राधिकरण ने 2014 के बाद से गौतम बुध नगर में सर्किल रेट नहीं बढ़ने दिए हैं जबकि से पहले गौतम बुध नगर में हर 2 वर्ष में 3 वर्ष के अंतराल में सर्किल रेट में वृद्धि की जाती थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों में भी निरंतर वृद्धि होती रही है केवल इतना ही नहीं प्राधिकरण के क्षेत्र में ग्राम पंचायतें इस मकसद से खत्म कर दी गई जिससे कि प्राधिकरण क्षेत्र के गांव में कानून के अनुसार सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा नहीं देना पड़ेगा साथ ही कानून के अनुसार प्राधिकरण सीधी खरीद से प्रभावित किसानों को 20% आवासीय प्लॉट से वंचित कर रहा है।
15 मई को प्राधिकरण के होगा घेराव
किसान नेता राजीव नागर ने बताया कि हम पूरे दृढ़ संकल्प के साथ लगे हुए हैं हजारों की संख्या में किसान प्राधिकरण के विरुद्ध 15 मई को आंदोलन करते हुए प्राधिकरण के घेराव करेंगे जिसमें महिलाओं की संख्या भी हजारों में होगी।
किसानों का मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा महापड़ाव
किसानों को कहना है कि जब तक प्राधिकरण किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं करता उनका यह धरना महापड़ाव जारी रहेगा इससे पहले भी कई बार किसानों ने प्राधिकरण के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था लेकिन किसानों की मांगों को प्राधिकरण ने अभी तक पूरा नहीं किया है।