ग्रेटर नोएडा। जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में कंप्यूटेशनल और प्रायोगिक विधियों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICCEMME-2023) का आयोजन किया। जिसमें देश विदेश के लगभग 200 अकादमिक विद्वानों ने भाग लेकर कंप्यूटेशनल और प्रायोगिक विधियों पर विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ गिरीश चंद्र त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके अलावा कार्यक्रम में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल के डीन डॉ सुरेश कुमार विशिष्ट अतिथि रहे। सम्मेलन के संरक्षक और जीएल बजाज कॉलेज के निदेशक डॉ मानस कुमार मिश्रा ने सभी अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया और संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों को प्रस्तुत किया।
इस सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 200 अकादमिक विद्वानों ने भाग लेकर कंप्यूटेशनल और प्रायोगिक विधियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। दूसरे दिन के सत्र में बीएन यूटी ईरान के प्रोफ़ेसर मुस्तफा रहीम नेजाद मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। सम्मेलन में 1000 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से गहन समीक्षा के बाद 347 पेपर स्वीकार किए गए।
आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर वीके जैन, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर कृष्णकांत अग्रवाल, प्रोफेसर अंजन रे, एनआईटी दिल्ली के प्रोफेसर हरीश कुमार और आईसीईएमएमई 2023 के संयोजक डॉ विनोद कुमार यादव ने उद्घाटन एवं समापन सत्र में सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस दौरान जीएल बजाज शैक्षिक समूह के उपाध्यक्ष डॉ पंकज अग्रवाल ने ICCEMME-2023 के सफल आयोजन के लिए आयोजक समिति को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी। इस दौरान बीआईईटी झांसी के निदेशक पीएम पांडे, डीटीयू के डिजाइन विभाग में एचओडी प्रोफेसर रंगनाथ एम सिंगारी, एनआईटी श्रीनगर के पूर्व प्रोफेसर डॉ एसएन पंडित, यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन नोएडा के निदेशक डॉ प्रवीण पचौरी और आईआईटी दिल्ली में एमई विभाग के एचओडी प्रोफेसर एमआर रवि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।