संचार न्यूज़। स्पेशल टास्क फोर्स उत्तर प्रदेश कि नोएडा यूनिट ने नकली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाकर बैंकों से ठगी करके करने वाले गिरोह के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर बैंकों से विभिन्न प्रकार के लोन लेकर ठगी करते थे और ठगी करने के बाद फरार हो जाते थे। एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है इनके पास से मोटरसाइकिल, मोबाइल, सिम कार्ड ,पैन कार्ड, एटीएम कार्ड और बैंक की चेक बुक, तीन कार, एक लाख नगदी सहित अन्य सामान बरामद किया है।
दरअसल, यह गिरोह के सदस्य जाली कागजों के आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे उन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाते थे और कंपनी बनाने के बाद कंपनी मैं फर्जी लोगों को ज्वाइन करा कर उनके खातों में सैलरी भेज देते और उनका सिविल ठीक होने के तीन चार महीने बाद बैंकों फुल फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेते थे और लोन लेने के दो या तीन किस्त भरने के बाद फरार हो जाते थे इस गिरोह के सदस्यों ने दर्जनों फर्जी कंपनियां बनाई और लगभग 23 करोड़ रुपये का फर्जी लोन लेकर फर्जीवाड़ा किया।
फर्जी कंपनियां बनाकर जाली दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन प्राप्त करके गायब हो जाने वाले गिरोह के संबंध में एसटीएफ की नोएडा यूनिट को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। जिस पर जब जांच की गई तो जांच से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर ज्ञात हुआ कि इस मामले में नोएडा थाना फेस वन पर एक मामला दर्ज है। एसटीएफ नोएडा यूनिट के सीओ राजकुमार मिश्रा द्वारा जब मामले में जांच की गई तो इस गिरोह के बारे में जानकारी हुई। जिसके बाद कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिसके बाद पूरे गिरोह का खुलासा करते हुए एसटीएफ व थाना फेस वन पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित 8 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे हुई फर्जी दस्तावेज व कंपनी बनाने की सुरूवात
डीसीपी नोएडा हरिश्चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ नोएडा व थाना फेस वन पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। डीसीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह के सरगना मोहसिन खान ने पूछताछ में बताया कि वह कक्षा 9वीं फेल है वर्ष 2007-08 में फरीदाबाद हरियाणा में निकिल पॉलिश का काम करता था तथा उसका पड़ोसी नंदू जिसका बाद में देहांत हो गया के पास वर्ष 2019 में एक दूसरे का आना जाना हो गया। उसने बताया कि नंदू बैंक के फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंकों के साथ ठगी का धंधा करता था और उसी से जानकारी लेते हुए मोहसिन खान ने पैन कार्ड फर्जी कंपनी आदि बनाने का काम सीख लिया। जिसके बाद मोहसिन खान ने जाली दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनी बनाना शुरू कर दिया। जो कंपनी आरओसी में रजिस्टर होती थी ऐसी फर्जी कंपनियों में बड़ी संख्या में पैरोल पर फर्जी कर्मचारी रखे। जिसके बाद कंपनी में कर्मचारियों के बैंक अकाउंट जिनकी संख्या सैकड़ों में होती थी बैंक में खाता खोलने शुरू कर दिए। उसके बाद फर्जी कंपनी के फर्जी अकाउंट में सैलरी के रुपये भेजते थे जिस पैसे को बाद में एटीएम से कैश विड्रोल करके उसके बाद दोबारा ऐसी फर्जी कंपनी में डाल देते थे।
इसी प्रकार से जब कंपनी और कंपनी का सिविल इसको ठीक हो जाता था तो फर्जी कर्मचारी विभिन्न बैंकों में कई तरह के लोन कार लोन व होम लोन इत्यादि तरीके से लोन लेते थे उसके बाद दो व तीन किस्तें देकर फर्जी कंपनी व उसके फर्जी कर्मचारी गायब हो जाते थे।
ऐसे बनाया फर्जीवाड़ा करने का गिरोह
इसी प्रकार गाजियाबाद निवासी आरोपी अमन शर्मा ने बताया कि उसने एमबीए किया हुआ है और वर्ष 2016 से लेकर अब तक विभिन्न बैंकों में अकाउंट खोलने से संबंधित सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता था। उसकी मुलाकात 2019 में मोहसिन खान सहित गिरोह से उस समय हुई जब मोहसिन खान बैंक में खाता खोलने के लिए पहुंचा। जिसके बाद दोनों की जान पहचान बढ़ गई।
वहीं आरोपी तनुज शर्मा ने बताया कि वह दसवीं पास है और वह लगभग 4 साल आई सी आई सी आई बैंक में एक थर्ड पार्टी वेंडर के रूप में रिकवरी से संबंधित काम देखती थी। आरोपी वसीम नोएडा के स्टैंडर्ड चार्टर्ड आईटीओ दिल्ली में सेल्स में अकाउंट ओपनिंग का काम करता था उसकी मुलाकात अमन शर्मा से हुई। एक्सिस बैंक में इन फर्जी कंपनियों के खाते खुलवाने में वसीम की अहम भूमिका रहती थी। इसी गिरोह के अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोड़ा कई कंपनियों में सेल्स प्रमोशन का काम कर चुका है आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू वह 10वीं फेल है और वह दिल्ली में वेल्डिंग का काम करता था वहीं पड़ोस में मोहसिन रहता था और उसकी मोहसिन से जान पहचान हो गई उसका मुख्य काम एटीएम से पैसा निकालकर मशीन में तनुजा शर्मा को देना होता था।
इस गिरोह के जितेंद्र उर्फ जीतू व रविकांत मिश्रा इन दोनों ने भी मोहसीन के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई कंपनियां बनाई। उसमें फर्जी नामों से वह डायरेक्टर बनता था।
13 फर्जी कंपनियों बनाकर की 23 करोड़ का फर्जीवाड़ा
इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में पता चला कि अब तक 13 फर्जी कंपनियों को बनाकर फर्जी दस्तावेजों पर फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कराई और फिर बैंक में फर्जी अकाउंट खुलवाने का काम किया। जिसके बाद बैंकों से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए वसूले गए। एसटीएफ ने बैंकों से प्राप्त किए गए 80 लाख रुपये को फ्रीज कराया है इस गैंग ने विभिन्न बैंकों से लगभग 23 करोड़ रुपए की ठगी की है।
पुलिस ने इन आठ शातिर आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनमें नोएडा निवासी मोहसिन खान, दिल्ली निवासी अनुराग चटकारा उर्फ अनुराग अरोड़ा, लाल कुआं गाजियाबाद निवासी अमन शर्मा, नोएडा सेक्टर 20 निवासी दानिश छिब्बर, मुरादाबाद निवासी वसीम अहमद, दिल्ली निवासी जीतू उर्फ जितेंद्र, कन्नौज निवासी रविकांत मिश्रा और राजस्थान के भरतपुर निवासी तनुज शर्मा को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से यह हुई बरामदगी
पुलिस ने इनके पास से काफी सामान बरामद किया है जिसमें 518 अलग-अलग बैंकों की चेक बुक, 327 एटीएम कार्ड, 278 पैन कार्ड, 361 एक्टिवेट सिम कार्ड, 187 मोबाइल, एक हुंडई की औरा कार, एक हुंडई की आई10, एक किया सेल्टोस कार, एक मोटरसाइकिल बुलेट, एक इनफील्ड हंटर मोटरसाइकिल, तीन लैपटॉप, एक हार्ड डिक्स, 93 आधार कार्ड, 23 आईडी कार्ड, एक नोट गिनने की मशीन, एक आई कार्ड बनाने की मशीन, 103 फर्जी कागजों की फोटो कॉपी, 30 कंपनियों की मोहर, 15 ड्राइविंग लाइसेंस, 109100 नगद और विभिन्न खातों में लगभग 80 लाख रुपये फ्रिज कराया है।