बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय के एक कोर्ट ने रेकॉर्ड टाइम में आरोपी को सज़ा सुना कर पीड़िता को न्याय दिलवाने का काम किया है। नाबालिग पीड़िता के साथ एक वहशी दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। सजा के बाद एक तरफ जहां पीड़िता के परिजन फैसले से खुश नजर आ रहे हैं। वहीं, रिकॉर्ड टाइम में सजा होने के कारण अपराधियों में भय का माहौल बना हुआ है।
बलरामपुर जिले के जिला एवं सत्र न्यायलय की पॉस्को फास्टट्रैक अदालत ने नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में तेज गति से सुनवाई करते हुए मात्र 26 दिनों में ही आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 53 हजार रुपए जुर्माने लगाया है। अपर शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के दुबौलिया गांव के बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे। तभी विनोद कुमार मौर्य नामक युवक मोटरसाइकिल से आया और 12 वर्षीय बच्ची को बेल तोड़ने के बदले दस रुपए देने का बहाना बना कर गांव के नजदीक के राजापुर भरिया जंगल में ले गया। यहां आकर बच्ची के साथ उसने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।
अपर शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि जब देर रात होने पर भी बच्ची घर नहीं लौटी तो परिजनों ने साथ में खेल रहे बच्चों से पूछताछ की। पूछताछ पर पता लगा कि विनोद नाम का एक शख्स उसे बेल तोड़ने के बहाने अपने साथ जंगल में लेकर गया था। घर वालों द्वारा खोजबीन करते हुए जंगल में गए तो देखा की बच्ची खून से लथपथ पड़ी थी। घटना की FIR पीड़िता के पिता द्वारा नगर कोतवाली में दर्ज करवाई गयी।
उन्होंने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में त्वरित विवेचना करते हुए 30 जून को पॉस्को फास्टट्रैक कोर्ट के समक्ष अपना आरोप पत्र दाखिल किया। दोनों पक्षों की तरफ से कई गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों को देखते हुए जिला एवम सत्र न्यायलय की विशेष अदालत के न्यायधीश जहेंद्र पाल सिंह ने आरोपों को सही माना और आरोपी विनोद कुमार मौर्य उर्फ बिन्नी पुत्र विनोद मौर्य निवासी ग्राम दुबौलिया को आजीवन कारावास एवम 53 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पॉस्को एक्ट 3/4 में चूंकि सजा कम है और मुकदमे में पास्को के साथ-साथ 376 भी लगा लगा हुआ था। तो दंडाधिकारी ने सबसे ज्यादा सजा करने के प्रावधान के तहत आरोपी को कठोरतम से कठोरतम सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास व ₹53000 का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।