जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों समर्थन में अब दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सामने आ गए हैं। उन्होंने जेल से प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा है। इस पत्र को आप सरकार में मंत्री आतिशी ने जारी किया।
आतिशी ने चिट्ठी साझा करते हुए लिखा, जेल से मनीष सिसोदिया जी लिखते हैं प्रधानमंत्री जी- आप अपने विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी पर लटका दीजिए। लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली बेटियों को न्याय दीजिए, वरना इस देश की कोई भी बेटी अपनी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करेगी।
सिसोदिया ने पत्र में लिखा है, अखबारों से पता चला कि देश की महिला पहलवान जंतर-मंतर पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ धरने पर बैठी हैं। आरोप भाजपा के एक बाहुबली सांसद पर है। भाजपा ने, केंद्र ने, यहां तक कि प्रधानमंत्री जी ने भी इस प्रकरण से इस तरह मुंह मोड़ रखा है, मानो ये पाकिस्तान से आई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया तब जाकर तो एफआईआर हुई है।
जेल से मनीष सिसोदिया जी लिखते हैं:
प्रधानमंत्री जी- आप अपने विरोधियों को जेल भेजिए, फाँसी पर लटका दीजिए। लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली बेटियों को न्याय दीजिए, वरना इस देश की कोई भी बेटी अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करेगी pic.twitter.com/k7WLVmo6kV
— Atishi (@AtishiAAP) May 27, 2023
वह पल तो आप सबको याद होगा जब ये पहलवान पदक जीतकर भारत आई थीं तो प्रधानमंत्री इन महिला खिलाड़ियों के साथ फोटो खिचवाने और वीडियो बनवाते नहीं थकते थे। यहां तक कि पदक जीतने पर जब इन खिलाड़ियों को फोन किया जाता था, उसका भी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया जाता था। वीडियो में हंसते खिलखिलाते प्रधानमंत्री इन्हीं बेटियों को अपने परिवार का सदस्य बताया करते थे। और इतने दिन से ये होनहार लड़कियां अपनी प्रैक्टिस और घर बार छोड़कर, धूप और बारिश में आंदोलन कर रही हैं तो उन्होंने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। हर बात पर मन की बात बताने वाले हमारे प्रधानमंत्री जी, जिन्हें अपने परिवार की सदस्य बताया करते थे, उनके यौन उत्पीड़न पर चुप क्यों हैं? क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि आरोपी उनकी पार्टी का एक बाहुबली सांसद हैं।
प्रधानमंत्री जी! आपने तो कहा था बेटियां देश की गौरव होती हैं। फिर इन बेटियों ने तो सच में देश का गौरव बढ़ाया है। इन प्रतिभाशाली बेटियों की वजह से विदेशी धरती पर हमारा तिरंगा सबसे ऊपर लहराया है। इनकी वजह से विदेशी सरजमीं पर हमारा राष्ट्रगान गुंजायमान हुआ है। जो बेटी पदक जीतने पर, भारत का गौरव बढ़ाते हुए इतनी भावुक हुई कि उसकी आंखों से आंसू निकल आए, वो आज जब जंतर-मंतर पर न्याय के लिए आंसू बहा रही हैं, तो एक भारतीय होने के नाते मेरा खून खौल उठता है।
प्रधानमंत्री जी हम आपके राजनीतिक विरोधी हैं, आपने हमारे काम रोकने के लिए आठ साल तक संविधान का गला घोंटा। अपनी सारी एजेंसियों को लगाकर झूठे आरोपों में जेल भेजा। आप अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजिए, फांसी लगवा दीजिए, यह आपकी राजनीति का तरीका और स्तर हो सकता है। लेकिन भारत का गौरव बढ़ाने वाली इन बेटियों को न्याय दीजिए, नहीं तो कोई भी प्रतिभाशाली बेटी फिर देश में किसी शक्तिशाली व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठाने का साहन नहीं कर सकेगी।