कर्नाटक में अंधविश्वास का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां ग्रामीण देवताओं को खुश करने लिए नाबालिग लड़कों की शादी करा रहे हैं. हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आए हैं. गांव वालों को बारिश न होने से फसलों के खराब होने का डर है. ग्रामीणों का मानना है कि नाबालिग लड़कों की शादी से बारिश के देवता प्रसन्न होते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चिक्काबल्लापुर के चिंतामणि तालुक के एक गांव में ग्रामीणों ने गुरुवार (31 अगस्त) को दो लड़कों की शादी कराई. इलाके के एक किसान ने दावा किया कि जैसे ही शादी कराई गई, आधे घंटे से भी कम समय में बारिश हो गई.
5वीं में पढ़ने वाले लड़कों की शादी
इस मानसून में कम बारिश के चलते कर्नाटक में किसानों को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है. पानी न मिलने से फसलें खराब होने की स्थिति में पहुंच गई हैं. ग्रामीणों का ऐसा विश्वास है कि अगर वे लड़कों की शादी करेंगे तो जमकर बारिश होगी.
रिपोर्ट में किसान के हवाले से लिखा गया है कि शादी के लिए जिन दो लड़कों को चुना गया था, वे कक्षा 5 में पढ़ते थे. उनमें एक पिछड़े समुदाय से, जबकि दूसरा अनुसूचित जाति से संबंधित था.
पूरा गांव हुआ शादी में शामिल
इस शादी में पूरे गांव के लोग शामिल हुए थे और इसमें मंगलसूत्र बांधने समेत वो सारी रस्में भी की गईं जो सामान्य तौर पर होती हैं. दूल्हे-दुल्हन की आरती उतारी गई और गांव वालों ने उन्हें गिफ्ट भी दिए. शादी संपन्न होने पर दूल्हा-दुल्हन को 1600 रुपये से ज्यादा मिले थे और उन्होंने ये रकम आपस में बांट ली.
इसके पहले बुधवार को चिक्काबल्लापुरा तालुक के मोगलाकुप्पे गांव में भी ऐसी ही प्रथा के चलते दो नाबालिगों की शादी कराई गई थी. कर्नाटक के इस इलाके में ये प्रथा सदियों से चली आ रही है. लोगों का मानना है कि नाबालिग लड़कों की शादी कर देने से देवता खुश हो जाते हैं और बारिश कराते हैं.
शादी के बाद क्या होता है?
ग्रामीणों के अनुसार, ये शादी महज रस्म अदायगी के तौर पर होती है. इन लड़कों को शादी के बाद इसे निभाना नहीं होता है और आगे चलकर ये सामान्य जिंदगी जीते हैं. बड़े होने पर ये परिवार या फिर अपनी मर्जी से शादी भी करते हैं और इसमें कोई बाधा नहीं आती है.