ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क स्थित लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। तकनीक के माध्यम से हो रहे आधुनिक बदलाव पर विस्तार से कांफ्रेंस में चर्चा किया गया। वही दैनिक जीवन में टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर चर्चा की और बताया कि किस प्रकार हम आज के युग में टेक्नोलॉजी पर निर्भर है कई वक्ताओं ने कांफ्रेंस में टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग पर अपने विचार रखें।
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए लॉयड समूह के प्रेसिडेंट मनोहर थहरानी ने कहा कि आज तकनीक के बिना जीवन सरल नहीं है। आज हम अपने आसपास तकनीकी वस्तुओं से घिरे हुए हैं, जो सही इस्तेमाल से हमारे दैनिक जीवन को सुगम बनाता है। कॉन्फ्रेंस में आए अतिथियों का स्वागत डायरेक्टर डॉ राजीव अग्रवाल ने किया। राजीव अग्रवाल ने बताया कि लॉयड कॉलेज ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर आने वाले समय में अपने कॉलेज में तकनीक में नए प्रयोगों को बढ़ावा देगा। हम अपने छात्रों को वर्तमान समय की चुनौतियों पर नए सुझाव के लिए प्रेरित करेंगे।
राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में आए रितेश अग्रवाल एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट बिरलासोफ्ट ने बताया कि आज औद्योगिक जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग ,आईओटी जैसे तकनीकों के माध्यम से तेजी से विकास हो रहा है,जिसमें मुख्य रुप से शैक्षणिक जगत से आने वाले शोध पत्रों के द्वारा हमें अहम जानकारियां मिलती है। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ विश्वास त्रिपाठी रजिस्टर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने बताया कि आज स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीक के माध्यम से कई लाइलाज बीमारियों का भी इलाज उचित तरीके से किया जा रहा है। इस दौरान विश्वास त्रिपाठी ने बताया कि आज सूक्ष्म स्तर पर जाकर हम शारीरिक बीमारियों को जांच कर सकते हैं यह भी तकनीक के माध्यम से ही संभव है।
कॉन्फ्रेंस के विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर जनरल एमिटी यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा कैंपस डॉक्टर अजय राणा ने भी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि आज हम सभी को सकारात्मक तरीके से बदलाव को स्वीकार करना होगा और छात्रों युवाओं को तकनीक के सहारे ही मौजूद चुनौतियों का हल ढूंढना होगा। नेशनल कांफ्रेंस के सचिव डॉ अरुण प्रताप श्रीवास्तव ने बताया कि 21वीं सदी तकनीकी सदी है, और आज इस कांफ्रेंस के माध्यम से हम लोग 56 पेपर प्रस्तुत करेंगे जिससे उम्मीद करते हैं कि समाज और राष्ट्र में व्याप्त चुनौतियों का हल ढूंढने में मदद होगा।
इस कार्यक्रम के अवसर पर डीन एकेडमिक डॉक्टर एलन राव, डॉक्टर काकोली राव ,डॉक्टर हर्षिता टुली,डॉ मनीष सारस्वत,रवि कालरा इरफान खान, सफदर अली, कृपाअंशु तिवारी, रोहित कुमार, डॉ विक्रम सिंह सहित सैकड़ों छात्र और शिक्षक मौजूद रहे।