17 अप्रैल साल 1976 को बसे नोएडा शहर ने बुधवार को अपनी उम्र के 48 साल पूरे कर लिए हैं। 49 वें वर्ष में प्रवेश कर चुके 203 किमी स्क्वायर में फैले न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (New Okhla Industrial Development Authority) ने इतने वर्षों में कई कहानियां लिखी हैं। 166 सेक्टरों की संख्या वाला ये शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। कच्चे रास्तों से लेकर इसने मेट्रो तक का सफर तय किया है। मौजूदा वक्त में यहां सडकों का जाल, अंडरपास, एलिवेटेड फ्लाईओवर और रहन सहन के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की झलक दिखती है। इसने कई क्षेत्रों में उद्योग-धंधे और रोजगार के साधन विकसित किए हैं। फिल्म सिटी से लेकर नामी कंपनियों ने अपने हेड ऑफिस बनाए हैं। विकसित बुनियादी ढांचे के साथ शहर एक अलग स्थान रखता है।
इतिहास कहता है कि नोएडा शहर पहले बुलंदशहर का हिस्सा हुआ करता था। नोएडा उत्तर में NH-24 बाई-पास, पूर्व में रिवर हिंडन, जिसके आगे ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया मौजूद है। उधर, पश्चिम में यमुना नदी, जिसके आगे दिल्ली और हरियाणा राज्य हैं। 17 अप्रैल 1976 के बाद से नोएडा ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में विकास के झंडे गाड़े हैं। सिर्फ भारत नहीं, बल्कि विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। मौजूदा वक्त में शहर प्रत्यक्ष रूप से लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है। इस इंडस्ट्रियल हब से मिलने वाला राजस्व भी पूरे देश में सबसे ज्यादा है। समृद्धि पर नजर डालें तो शहर उत्तर प्रदेश के शहरों में सबसे अमीर है। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में नॉन पलूटिंग इंडस्ट्री हैं, यहां बने उत्पाद स्थानीय बाजारों से लेकर विदेश तक में निर्यात होते हैं।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
उधर, ग्रेटर नोएडा के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनकर तैयार होने वाला है। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इस एयरपोर्ट में ढांचागत सुविधा, कामर्शियल आदि इमारतें बनाने का प्लान है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल सितंबर, 2024 में एयरपोर्ट से यात्री सेवाएं शुरू होंगी। यहां दादरी क्षेत्र में न्यू टाउनशिप बसाने का प्लान है।
मोबाइल यूनिट स्थापित
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( यीडा) सेक्टर-10 में चार कंपनियां मोबाइल फोन बनाने की इकाई लगाएंगी। फिलहाल, प्राधिकरण ने ईएमसी 2.0 के अंतर्गत 200 एकड़ में मोबाइल यूनिट स्थापित करने की रणनीति तैयार की है। हालांकि, जब इस प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई थी तब सेक्टर-10 में 100 एकड़ में यूनिट स्थापित करने का प्लान था, लेकिन अब उसे बढ़ाकर 200 एकड़ में विकसित किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, यहां पर चार मोबाइल कंपनी प्रोजेक्ट लगाएंगी, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा करोड़ों के निवेश के रास्ते भी खुलेंगे।
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट
उधर, कंप्यूटर/सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रॉडक्ट, पैकेजिंग, इंडस्ट्रियल इक्यूपमेंट, हाउस होल्ड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट, पान मसाला आदि हर तरह के प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनियां यहां स्थित हैं। करीब 10 हजार से अधिक यूनिट वाले इंडस्ट्रियल हब नोएडा में मल्टीनेशनल ग्रुप के अलावा देश के नामी औद्योगिक घराने जैसे फ्लैक्स, टाटा, भारतीय, भीलवाड़ा, फोनिक्स, मफतलाल आदि ने अपनी फैक्ट्रियां स्थापित कर रखी हैं। सुई से लेकर मोबाइल सिम और एरोप्लेन तक के पार्ट यहां की इंडस्ट्रीज बना रही हैं। एयरपोर्ट को आसपास के शहरों से जोड़ा जाएगा। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से मेट्रो से भी जोड़ा जाएगा।
फिल्म सिटी
इसके अलावा एनसीआर के नोएडा में जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी बनने से शहर के उद्योग के नए रास्ते खुल गए हैं। लिहाजा, अभी से प्राधिकरण ने सेक्टर में सड़कें इत्यादि के निर्माण का काम शुरू कर दिया है। एयरपोर्ट संचालित होने से इस सेक्टर से भारी मात्रा में सामान का आयात और निर्यात हो सकेगा। नोएडा एयरपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के चलते राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां यीडा सिटी में निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं। इसके लिए चमड़ा निर्यात परिषद, अखिल भारतीय प्लास्टिक उद्योग संघ, हथकरघा हस्तशिल्प कल्याण संघ और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कल्याण ट्रस्ट ने जमीन उपलब्ध कराने की मांग की थी, ताकि उद्योग स्थापित किए जा सकें।
फिल्म इंडस्ट्रीज का सेंटर
इधर, नोएडा फिल्म सिटी को नॉर्थ इंडिया का अकेला टीवी और फिल्म इंडस्ट्रीज का सेंटर होने का गौरव प्राप्त है। नोएडा में राजधानी दिल्ली, सहित आसपास के शहरों के लिए बेहतर कनेक्टविटी है।