ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) का 3900 मीटर लंबा रनवे का निर्माण पूरा हो गया है। ऐसे में अब ट्रायल की तैयारी शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक कभी भी हवाई जहाज को उतारा जा सकता है। उधर 1334 हेक्टेयर में विकसति हो रहे एयरपोर्ट के पहले चरण का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो गया है।
अब एयरपोर्ट में रडार सिस्टम समेत अन्य तकनीकी उपकरण लगाए जा रहे हैं। पहले चरण के कुल बजट 10,056 करोड़ में से 7371.51 करोड़ रुपये अबतक खर्च हो चुके हैं।
कितना काम हुआ, कितना बचा?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथारटी लिमिटेड (नियाल) के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि दो दिन पहले लखनऊ में नियाल की 19वीं बोर्ड बैठक हुई थी, जिसमें एयरपोर्ट की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई था। बैठक में बताया गया कि रनवे का काम पूरा हो गया है।
लाइट समेत उड़ानों से संबंधित उपकरण लगाने का काम शुरू हो गया है। टर्मिनल बिल्डिंग का ढांचा भी बन गया है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर का काम भी अंतिम चरण में है। फिनिशिंग का काम आखिरी दौर में है। टावर के लिए जरूरी मशीन, तकनीक और उपकरणों की खरीद कर ली गई है।
कितना बजट हुआ निर्धारित
एटीसी टावर की ऊंचाई 30 मीटर है। एयरपोर्ट के प्रथम चरण को पूरा करने के लिए 10,056 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, जिसमें से 7371 करोड़ रुपये अब तक खर्च किए जा चुके हैं। पहले चरण में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य करीब 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
अक्टूबर तक सर्विलांस रडार का काम
सीईओ ने बताया कि एयरपोर्ट सर्विलांस रडार (एआरएस) नार्थ और साउथ का काम अक्टूबर 2024 तक पूरा होगा। 29 सितंबर को उड़ान शुरू होना प्रस्तावित है। रडार सिस्टम की खरीद रूस से होनी है। डील पूरी हो चुकी है। जल्द रडार सिस्टम भारत आ जाएगा। चुनाव को देखते हुए यह कार्य अक्टूबर तक पूरा होगा, लेकिन बिना रडार के भी 50-60 उड़ान शुरू की जा सकती हैं।
इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। वहीं आटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस ब्राडकास्ट (एडीएस-बी), एडवांस सर्फेस मूवमेंट गाइडेंट्स एंड कंट्रोल सिस्टम (एएसएमजीसीएस), आटोमेशन सिस्टम और सरफेस मूवमेंट रडार (एसएमआर) का काम 30 अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
मौसम संबंधी उपकरण हुआ चालू
एयरपोर्ट साइट पर भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से स्थापित मौसम संबंधी जानकारी देने वाला उपकरण विंटर फाग एक्सपेरिमेंट चालू हो गया है। ट्रायल शुरू होने से पहले ही उपकरण से दृश्यता संबंधी आंकड़े मिलने शुरू हो गए हैं। एयरपोर्ट पर उतरने व उड़ान भरने वाले विमान को दृश्यता की जानकारी दी जाएगी। साथ ही रनवे पर हवाई जहाज के उड़ान भरते और उतरते वक्त पायलट की मदद करने के लिए रिफ्लेक्टर और साइनेज जैसे उपकरण लगाए जा रहे हैं।