नोएडा: उत्तर प्रदेश के शहर नोएडा के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। स्वच्छता सर्वेक्षण में नोएडा को 5 स्टॉर रेंकिंग हासिल हुई है। इस उपलब्धि के लिए नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. लोकेश एम. ने नोएडावासियों को बधाई दी है।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि इस वर्ष भी सभी 24 इंडीकेटर्स में सफलता हासिल कर नोएडा ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 स्टॉर सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में नोएडा ने पहली बार वॉटर प्लस सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इसके लिए नोएडा वासियों के अलावा नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है। सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने कहा है कि वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में जीएफसी कैटेगिरी में 7 स्टॉर रेंकिंग के लिए नोएडा तैयार है।
आपको बता दें कि, आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शहरों की स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग निकाली जाती है, जिसमें जनसंख्या के आधार पर शहरों की रैंक निश्चित की जाती है। नोएडा प्राधिकरण 3 लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या की श्रेणी में प्रतिभाग करता आया है। इस क्रम में सन् 2018 में नोएडा की रैंक 324 रही और सन् 2019 में रैंक में सुधार लाकर यह रैंक 150वीं हो गई और नौएडा को उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। वर्ष 2019 में नोएडा को Garbage Free City Category में 3 स्टार रैंकिंग, Open Defecation Free City Category में ODF++ का कीर्तिमान प्राप्त हुआ।
सन् 2020 में 25वीं रैंक एवं सन् 2021 में 4 रैंक, Cleanest Medium City एवं 5 Star Garbage Free City के साथ नोएडा ने अपनी सफाई व्यवस्था सुदृढ़ एवं Processing क्षमता को निरन्तर बढ़ाया है। फलस्वरूप सन् 2022 में 5वीं रैंक के साथ नोएडा Best Self Sustainable City चयनित किया गया।
नोएडा प्राधिकरण को Garbage Free City (GFC) Category में 5 स्टार रैंकिंग प्राप्त हुई है। नोएडा प्राधिकरण द्वारा Door to Door Waste Collection Agency के माध्यम से समस्त क्षेत्र से कूड़े को सूखे एवं गीले कूड़े के रूप में पृथक-पृथक एकत्रित कर निस्तारित किया जाता है। गीले कूड़े से कम्पोस्ट प्लान्ट, बायो मिथेनाईजेशन प्लान्ट के माध्यम से गैस एवं खाद निर्मित की जाती है तथा सूखे कूड़े को Material Recovery Facility (MRF) Center के माध्यम से वैज्ञानिक पद्धति से पृथक-पृथक कर रिसाईक्लिंग के माध्यम से पुनः प्रयोग में लाया जाता है।