नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को शरजील इमाम द्वारा यूएपीए और देशद्रोह मामले में वैधानिक जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा और मामले को अप्रैल में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। यह मामला नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया इलाके में उनके द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है।
28 जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है शरजील इमाम
बता दें कि इमाम ने अपनी अर्जी में अधिकतम सात साल की सजा में से आधी सजा काट लेने के कारण वैधानिक जमानत मांगी थी। उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी को, ट्रायल कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि आरोपी का हिरासत में रहना जरूरी है। विघटनकारी गतिविधियों को देखते हुए उसे राहत नहीं दी जा सकती है। इससे पहले भी शरजील की कई अर्जियां खारिज हो चुकी हैं।
शरजील इमाम पर वर्ष 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया और वर्ष 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करते हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस मामले में वह 28 जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है।