संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा की राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में तीन दिन के धरने के बाद स्वास्थ्य सेवाएं गुरुवार को बहाल हो गई। इलाज के लिए आ रहे मरीजों और उनके तीमारदारों को आज जाकर काफी राहत मिली है। पिछले तीन दिन से मरीज और उनके तीमारदार काफी परेशान थे ओपीडी बंद होने के कारण और वहां जो भर्ती मरीज थे उनको भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। नर्सिंग स्टाफ के लगभग 200 से अधिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे बुधवार को जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर तीन दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहा था। नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि यहां पर वह पिछले कई वर्षो से कम कर रहे हैं कोरोना महामारी में भी उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर यहां पर सेवाएं दी थी। उसे समय जिम्स के डायरेक्टर ने भविष्य में जिम्स हॉस्पिटल में होने वाली स्थाई भर्ती के लिए उन्हें को स्थाई नियुक्ति करने के लिए आश्वासन दिया था लेकिन अभी कुछ दिनों पहले जिम्स ने नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला। जिसमें बाहर के लोगों को भर्ती किया जा रहा था इसी बात से नाराज नर्सिंग स्टाफ स्वयं को स्थाई करने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन कर रहे थे जिसकी वजह से जिम्स की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही थी।
जिम्स में नर्सिंग स्टाफ के द्वारा अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। बुधवार की शाम को नर्सिंग स्टाफ जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिला जहां पर मनीष कुमार वर्मा को उन्होंने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए बाहर के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। जबकि उन्होंने कोरोना के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी जिसके बाद जिम्स के डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता ने उन्हें भविष्य में स्थाई करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब जब जिम्स हॉस्पिटल के द्वारा स्थाई नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली गई तो उन्होंने जब डायरेक्टर से उनके वादे को लेकर बात की तो उन्होंने वादे से पलटते हुए उनका स्थाई करने से इनकार कर दिया। इसके बाद जिम्स हॉस्पिटल के 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद जिलाधिकारी ने उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म करते हुए गुरुवार से अस्पताल में कार्य शुरू कर दिया।
नर्सिंग स्टाफ ने जिलाधिकारी को दिए अपने ज्ञापन में बताया कि जब तक उनका स्थाई नहीं किया जाता है तब तक उनको जिम्स हॉस्पिटल की तरफ से नियुक्त किया जाए अभी वह कांटेक्ट बेस पर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे हैं। भविष्य में जब भी स्थाई नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्ती निकली जाए तो उन्हीं को उसमें चयनित कर नियुक्त किया जाए। जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद सभी नर्सिंग स्टाफ ने धरना खत्म करते हुए काम शुरू कर दिया है जिसके बाद सभी स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो गई।
नर्सिंग स्टाफ के लिए निकल गई भर्ती हुई रद्द
जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के लिए समाचार पत्रों में भर्तियां निकाली गई थी जिसको लेकर वर्तमान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने खुद को स्थाई करने की मांग के साथ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद जिम्स प्रशासन की तरफ से निकल गई नर्सिंग स्टाफ की भर्तियों को रद्द कर दिया गया है।
जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं हुई थी प्रभावित
जिम्स हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ ने 16 अक्टूबर से तैयारी कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया इस दौरान उन्होंने अस्पताल के सभी कार्य को बंद कर दिया। नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन के दौरान ओपीडी बंद हो गई जिससे वहां आने वाले मरीज और अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नर्सिंग स्टाफ के कारण 3 दिन तक चले उनके प्रदर्शन के दौरान हजारों मरीजों को बिना इलाज कराई ही वापस लौटना पड़ा था।