संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सोमवार को ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा के स्कूलों की समीक्षा की। सीईओ ने परियोजना विभाग को कड़े निर्देश दिए की कोई भी स्कूल बिना बाउंड्री के न रहे। उन्होंने प्राधिकरण के शिक्षा विभाग और सीएसआर की मदद से इन सभी स्कूलों को चमकाने के निर्देश दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनर्जी रवि कुमार ने एसीईओ मेधा रूपम और अन्नपूर्णा गर्ग की मौजूदगी में सोमवार को जिला बेशक शिक्षा अधिकारी राहुल पवार और परियोजना विभाग की टीम के साथ ग्रेटर नोएडा एरिया में स्थित स्कूलों की समीक्षा की। इन स्कूलों में होने वाले कार्यों के हिसाब से 19 पैरामीटर तय किए गए हैं। सीईओ ने सभी पैरामीटर को पूर्ण करते हुए स्कूलों में कार्य जल्द करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने परियोजना विभाग को निर्देश दिया है कि वह अपने-अपने वर्क सर्कल में स्थित प्रत्येक स्कूलों का सर्वे करें और किसी स्कूल में क्या काम कराया जाना है इसकी लिस्ट बनाकर तैयार कर लें। इसके बाद एस्टीमेट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर शीघ्र ही काम शुरू किया जाए।
सीईओ रवि कुमार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रयास से बिरोडा व खैरपुर गुर्जर के सरकारी स्कूलों को सीएसआर फंड से कई सुविधाएं प्रदान की गई है। इसी तरह फेडरल बैंक के सीएसआर फंड से नवादा एमनाबाद और गढ़ी समस्तीपुर के स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू की गई है। समीक्षा बैठक में सीईओ ने कहा कि गांव में प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करना पहली प्राथमिकता है। इसीलिए सभी वर्क सर्कल अपने एरिया के स्कूलों को ठीक से सर्वे कर ले और उनमें पैरामीटर के हिसाब से शीघ्र काम करना शुरू कर दें इस काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कक्षा से लेकर ग्राउंड और शौचालय तक सभी को चमकाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो सोलर पंप लगाकर शौचालय में पानी का इंतजाम करें ताकि बिजली के बिल जमा करने का झंझट ही खत्म हो जाए।
ऑपरेशन कायाकल्प के द्वारा स्कूलों में कार्य के लिए ये पैरामीटर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा सरकारी स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के द्वारा उनकी दशा और दशा सुधारने के लिए कार्य किया जा रहे हैं। इस योजना में स्कूलों में होने वाले कार्य के हिसाब से 19 पैरामीटर तय किए गए हैं जिनमें शुद्ध पेयजल, शौचालय, शौचालय में जलापूर्ति, शौचालय में टाइल्स लगाना, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टी हैंड वॉश यूनिट, कक्षा के फर्श तक टाइल्स लगाना, श्यामपट्ट, रसोई घर, रंगाई-पुताई, दिव्यांगों के लिए सुलभ रैंप, कक्षा में विद्युतीकरण, फर्नीचर, गेट व चार दिवारी आदि शामिल किए गए हैं।