पिथौरागढ़: बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी पिछले कुछ दिनों से लगातार मुसीबत में है। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से बुरी खबर आई है। पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्ट में फेल गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
पूरा मामला 2019 से जुड़ा है। फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर ने पिथौरागढ़ के बेरीनाग इलाके में स्थित लीला धर पाठक की दुकान से सैंपल लिए थे। पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी को लेकर शिकायतें सामने आई थीं। दुकानदार के साथ साथ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया गया था। दिसंबर 2020 में उधम सिंह नगर में प्रयोगशाला में जांच की गई जिसमें सोन पापड़ी घटिया गुणवत्ता की निकली। इसके बाद दुकान मालिक लीलाधर पाठक, डिस्ट्रीब्यूटर अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
5 से लेकर 25 हजार तक लगाया जुर्माना
मामला कोर्ट पहुंचा। अदालत ने फूड सेफ्टी की धाराओं में तीनों आरोपियों को छह महीने जेल की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया है। लीलाधर पाठक पर 5 हजार, अजय जोशी पर 10 हजार और अभिषेक कुमार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। कोर्ट ने अपना फैसला खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत सुनाया है।
14 प्रॉडक्ट्स के लाइसेंस पर लगा बैन हट चुका है
गौरतलब है कि पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रॉडक्ट्स के लाइसेंस पर लगा बैन हटा दिया गया है। उत्तराखंड सरकार ने एक हाई लेवल कमिटी की शुरुआती जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बैन लगाने के अपने पहले के आदेश पर स्टे दे दिया। 30 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रॉडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी ने सस्पेंड कर दिया था। हाई लेवल कमिटी ने तर्क देते हुए कहा कि जिस तरीके से लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने ये आदेश पारित किया था, वह गलत था। जिन 14 प्रॉडक्ट के लाइसेंस पर बैन लगाया गया था, उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी आदि शामिल हैं।