भारतीयों से भरी एक फ्लाइट को वापस दुबई भेजे जाने के मामले में भारत सरकार की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल कई भारतीय यात्रियों को लेकर दुबई से पहुंचे एक चार्टर्ड विमान को जमैका की राजधानी किंग्स्टन से वापस भेज दिया गया था। अब इसको लेकर भारत सरकार ने कहा है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि स्थानीय अधिकारी यात्रियों के दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि उड़ान और यात्रियों को दुबई लौटने का आदेश दिया गया था और वे सात मई को किंग्स्टन से रवाना हुए थे। जायसवाल ने अपने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, “हम समझते हैं कि जर्मनी में रजिस्टर एक चार्टर्ड फ्लाइट भारतीयों के साथ दो मई को पर्यटन उद्देश्य लिए दुबई से किंग्स्टन पहुंची। वे होटल बुकिंग पहले ही करा चुके थे।”
उन्होंने कहा, “स्थानीय अधिकारी पर्यटक के रूप में उनसे संतुष्ट नहीं थे। फ्लाइट और यात्रियों को मूल स्थान दुबई लौटने का आदेश दिया गया था। यात्री सात मई को किंग्स्टन से रवाना गए।” ‘जमैका ऑबजर्वर’ अखबार की खबर के अनुसार, फ्लाइट में 253 विदेशी लोग सवार थे और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया।
मीडिया आउटलेट ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्थानीय अधिकारी सुरक्षा खतरों और कानून और/या विनियमों के संभावित उल्लंघनों के लिए नियमित रूप से यात्री उड़ानों की जांच करते हैं।