बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है। विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार की 72 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति ईडी ने जब्त कर ली है। विनय शंकर तिवारी पर ईडी ने मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसी के तहत अब कार्रवाई हुई है। ये संपत्तियां कई शहरों खासकर लखनऊ, गोरखपुर व महराजगंज जिले में हैं। विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार (गोरखपुर) के विधायक रहे हैं। विनय शंकर के पिता हरिशंकर तिवारी का यूपी की राजनीति में लंबे समय तक दबदबा रहा है। इसी साल उनका निधन हो गया था।
विनय शंकर तिवारी पर यह कार्रवाई मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड नामक एक कंपनी के मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने के कारण की गई है। यह कंपनी विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत है। वे कंपनी से निदेशक, प्रमोटर व गारंटर के रूप में जुड़े हैं। कंपनी के विरुद्ध धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज है।
ईडी ने सीबीआई नई दिल्ली द्वारा कंपनी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों व गारंटरों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से बैंक की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया। बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में सात बैंकों के कन्सोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये लोन लिया।
बाद में इन लोन का भुगतान नहीं किया गया और कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर धन का डायवर्जन और उसका दुरुपयोग किया गया। जांच में पता चला कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड और उसके प्रमोटरों, निदेशकों व गारंटरों ने बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बैंकों के कन्सोर्टियम को 754.24 करोड़ रुपये की चपत लगाई। इस मामले में ईडी की आगे की जांच अभी जारी है। माना जा रहा है कि अभी कई अन्य संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।