रेलवे भर्ती बोर्ड प्रयागराज की ओर से कराई गई विभागीय जनरल डिपार्टमेंट कंपटीटिव एक्जाम का पेपर लीक होने के मामले के तार यूपी समेत कई अन्य राज्यों से जुड़ रहे हैं। सीबीआई की जांच में राजस्थान के साथ बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब में भी पेपर लीक करने वाले गिरोह के सक्रिय होने के सुराग मिले हैं। गिरोह के सदस्यों की तलाश तेज कर दी गई है।
दरअसल, रेलवे की विजिलेंस और सीबीआई की शुरुआती जांच में गिरोह के कुछ सदस्यों के नाम तो सामने आए, लेकिन बाकी जानकारियां अभी तक रहस्य बनी हैं। जिस तरह बेहद सुनियोजित तरीके से पेपर को लीक किया गया, उससे रेलवे के अफसरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। वहीं दूसरी ओर सीबीआई परीक्षा कराने वाली मुंबई की एपटेक कंसल्टेंसी लिमिटेड के उन कर्मचारियों को भी चिह्नित कर रही है जिन्होंने पेपर को खोलकर देखा था। सीबीआई जल्द ही आरोपियों के साथ एपटेक के कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए तलब करेगी। बता दें, एपटेक ने अपने कर्मचारियों को पेपर देखने की अनुमति दी थी जिससे आशंका जताई जा रही है कि कर्मचारियों ने ही गिरोह को पेपर लीक किया है।
मोबाइल नंबर डिलीट कराया
सीबीआई के मुकदमे में नामजद अलीगढ़ के ट्रैक मेंटेनर हंसराज मीना पेपर लीक गिरोह के सदस्य अमित के संपर्क में था। अमित से उसका परिचय जयपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान कई वर्ष पहले हुआ था। अमित ने उससे अपना मोबाइल नंबर डिलीट करने को कहा था। यह भी सामने आया कि पेपर लीक गिरोह के सदस्यों ने कुछ अभ्यर्थियों से फोनपे और पेटीएम के जरिये भी पैसा लिया था। जिन नंबरों पर भुगतान किया गया, सीबीआई उसे ट्रेस कर रही है। गिरोह के कई अन्य सदस्यों के मोबाइल नंबरों का भी पता चला है।