बिना तलाक दिए कथित रूप से दूसरा विवाह करने और धोखा देने के आरोप के मामले में भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने परिवाद की कार्यवाही को निरस्त करने की आग्रह वाली संघमित्रा मौर्य की याचिका को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश संघमित्रा मौर्य की याचिका पर दिया। संघमित्रा की ओर से दलील दी गई कि परिवादी के आरोपों में काफी विरोधाभास है। इसके बावजूद निचली अदालत ने अपने न्यायिक विवेक का प्रयोग नहीं किया और उन्हें तलब कर लिया।
निचली अदालत ने मामले में संघमित्रा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है, जिसे उन्होंने चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि संघमित्रा को तलब करने का आदेश देकर ट्रायल कोर्ट ने कोई त्रुटि नहीं की है। इस टिप्पणी के साथ याचिका खारिज कर दी।