नोएडा में एक बार फिर लिफ्ट गिरने से बड़ा हादसा हो गया. सेक्टर 110 स्थित यथार्थ हॉस्पिटल की सर्विस लिफ्ट गिरने से चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी को तत्काल ही अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. वहीं, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, घटना नोएडा के फेस-टू थाना क्षेत्र के सेक्टर-110 स्थित यथार्थ अस्पताल की है. अस्पताल की सर्विस लिफ्ट में कर्मचारी सामान ला ले जा रहे थे. चार कर्मचारी इस काम में लगे हुए थे. तभी अचानक से लिफ्ट का तार टूट गया और चारों कर्मचारी 8 फीट नीचे जा गिरे.
घटना के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया. तत्काल ही घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और घायलों को बचाया गया. लिफ्ट हादसे में घायल हुए चारों कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल में ही एडमिट कराया गया. घायलों में सिद्धनाथ, अर्जुन, सुखदेव माली और एक महिला कर्मचारी सृष्टि श्रीवास्तव शामिल हैं. अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं.
वहीं, मौके पर पहुंचे एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हरकेश कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यथार्थ हॉस्पिटल के सर्विस लिफ्ट 8 फिट नीचे गिर गई थी. इस दौरान लिफ्ट में हॉस्पिटल के 4 कर्मचारी सवार थे, जिन्हें चोट आई है. हालांकि, सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.
12 लोग गंवा चुके हैं जान
बता दें कि नोएडा में लिफ्ट गिरने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले लिफ्ट के गिरने के अलग-अलग हादसे में अब तक लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गई है. जिले में लगातार लिफ्ट एक्ट की मांग की जा रही है. इस हादसे के बाद एक बार फिर लिफ्ट एक्ट को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
यूपी में ‘लिफ्ट एक्ट’ लागू करने की तैयारी में योगी सरकार
मिली जानकारी के मुताबिक, घरेलू लिफ्ट और एस्केलेटर पर कानून का दायरा सीमित रहेगा. जो भी संस्था लिफ्ट लगाने का आवेदन करेगी, उसके लिए यह जरूरी किया जाएगा कि वह ‘ऑटो रेस्क्यू डिवाइस’ वाली लिफ्ट को ही लगाए. इस डिवाइस के अपने फायदे हैं. इससे अचानक बिजली जाने या कोई अन्य तकनीकी खराबी आने पर लिफ्ट बीच में न अटक कर बीच में किसी फ्लोर पर रुक जाती है और उसका दरवाजा खुद ही खुल जाता है.
इतना ही नहीं, इसके साथ ही मसौदे में लिफ्ट मालिक या संस्था द्वारा लिफ्ट का थर्ड पार्टी बीमा भी कराना शामिल है. जिससे कोई हादसा होने पर पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिलाया जा सकेगा. लखनऊ में लिफ्ट एक्ट के प्रस्तावित मसौदे का प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता की उपस्थिति में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने किया गया था.
कहा गया हैै कि प्रस्तावित अधिनियम को जल्दी ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान इसे पेश करने की तैयारी भी है.