नोएडा : नोएडा के सेक्टर 123 स्थित पर्थला चौक के पास झुग्गी बस्ती में आग लगने से छह झुग्गियां जल गईं. आग में सात बकरियां भी जल गईं. लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई. आग इतनी तेजी से फैला कि लोगों को अपने घरों का सामान बाहर निकालने का भी समय नहीं मिल पाया.
सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियो की मदद से आग पर करीब एक घंटे में काबू पा लिया गया. आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इस भीषण अग्निकांड की वजह से झुग्गीवासियों में काफी देर तक दहशत का महौल बना रहा .
चीफ फायर ऑफिसर प्रदीप कुमार चौबे ने बताया कि मंगलवार को सूचना मिली की पर्थला चौक के पास स्थित झुग्गी बस्ती में आग लग गई है. सूचना के आधार पर तुरंत मौके पर दो गाड़ियों को रवाना किया गया. आग की भयावता को देखते हुए चार और गाड़ियां मौके पर भेजी गई. एक घंटे की मशक्कत के बाद अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया. उन्होंने बताया कि इस अग्निकांड में झुग्गी बस्ती में बंधी सात बकरियों की जलने से मौत हो गई.
अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक दोपहर के समय तीन छोटे-छोटे बच्चे एक झुग्गी में खेल रहे थे.अचानक उस बस्ती से धुआं उठा और अन्य झुग्गियां भी उसकी चपेट में आने लगीं. कई किलोमीटर दूर से धुआं दिखाई देने लगा. आशंका जाहिर की जा रही है कि खाना बनाने के दौरान उठी चिंगारी से झुग्गी में आग लगी और उसने थोड़ी देर में विकराल रूप धारण कर लिया.
दमकल कर्मियों की तत्परता से आग को फैलने से रोका गयाऔर एक बड़े अग्निकांड को होने से बचा लिया गया. आग लगने की वजह से खाक हुई झुग्गियों में रहने वाले लोग अपने आशियाना को जलते देखकर बेबस नजर आए. आग लगने के दौरान कुछ लोगों ने अपनी झोपड़ियों से सामान निकालने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए.
आपको बता दें कि जहां आग लगी है वहां 20 से ज्यादा झुग्गियां है.आग लगने के दौरान आसपास की झोपड़ियों को तुरंत खाली करा दिया गया. कई झुग्गियों में सिलेंडर भी रखे थे.अग्निशमन कर्मियों ने सबसे पहले उसे बाहर निकाला और दूर ले गए. इस दौरान बीच-बीच में धमाकों की आवाज भी आती रही. झुग्गियों में रहने वाले लोग एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर हैं जो परिवार के साथ यहां रहते हैं.
इस मामले के पीड़ित दीनानाथ ने बताया कि वह करीब छह महीने पहले राजस्थान से नोएडा आए और एक-एक पैसे एकत्र कर छोटी सी गृहस्थी बनाई. आंखों के सामने सब जलकर राख हो गया. बक्से में रखे तीन हजार रुपये भी दीनानाथ नहीं निकाल सके.झुग्गियों में रहने वाले मजदूर दैनिक मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. अनाज भी आग की चपेट में जलकर राख हो गया.
ऐसे में छह से अधिक परिवारों के सामने अब रोजी और रोटी का संकट खड़ा हो गया है. फिलहाल आग बुझने के बाद कई एनजीओ के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों की मदद की. आसपास की सोसाइटियों में रहने वाले लोग भी मजदूर के परिवारों की मदद के लिए आगे आएं. एहतियात के तौर पर देर शाम तक घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां खड़ी रहीं ताकि फिर से अगर चिंगारी उठने से आग लगे तो उस पर तुंरत काबू पा लिया जाए.