संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के मौखिक और मैक्सिलोफैशियल सर्जरी विभाग ने चेहरे के सौंदर्यशास्त्र और बाल प्रत्यारोपण एस्थेटिका पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे 75 निवासियों और सलाहकारों ने हेयर ट्रांसप्लांट और सौंदर्यशास्त्र पर व्यावहारिक पाठ्यक्रमों में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डा श्रेयस सोराके, डॉ सीमा मैथ्यू, डा सपना वडेरा और डॉ अथरेया राजगोपाल अपने विचार रखे।
इस अवसर पर डॉ श्रेयस सोराके ने कहा कि चेहरे के कायाकल्प के लिए बोटोक्स, फिलर्स, फैट ट्रांसफर, हेयर ट्रांसप्लांट और थ्रेड्स और पीआरपी इंजेक्शन के क्षेत्र में मैक्सिलोफेशियल सर्जनों के बीच चेहरे के सौंदर्यशास्त्र की जानकारी को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना समय की मांग है। चेहरे का सौंदर्यशास्त्र एक प्रकार की गैर-सर्जिकल और न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया को संदर्भित करता है। जो अस्थायी रूप से झुर्रियों को कम कर सकता है या चेहरे का आकार बहाल कर सकता है । सामान्य उपचार क्षेत्रों में माथा, गाल और होंठ शामिल हैं
स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के डीन डॉ एम सिद्धार्थ ने बताया कि कार्यशाला में भाग लेने और सीखने के लिए जोधपुर, जम्मू, हैदराबाद, इंदौर, पंजाब और कई अन्य स्थानों से लोग आए है। दर्शकों को अभ्यास के दौरान पर्यवेक्षण के तहत अलग-अलग हिस्सों की प्रक्रियाओं का निरीक्षण करने, सहायता करने और यहां तक कि प्रक्रियाओं को निष्पादित करने का मौका मिला। उन्होनें कहा कि सौंदर्यशास्त्री बनने के कई तरीके हैं और आपको इस पर विचार करना होगा कि आपके लिए कौन सा विकल्प सही है।
आमतौर पर, पेशे में प्रवेश के मार्ग में निम्नलिखित शामिल होंगे गणित, अंग्रेजी और विज्ञान में अपना जीसीएसई पूरा करना है। चेहरे की त्वचा की देखभाल और त्वचा की देखभाल के उपचार में एनवीक्यू प्राप्त करना। सौंदर्य संबंधी उपचार आपकी प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने के बारे में हैं। कभी-कभी कॉस्मेटिक उपचार भी कहा जाता है, वे गैर-आक्रामक, दर्द रहित होते हैं और उन्हें डाउनटाइम की आवश्यकता नहीं होती है। वे इंजेक्शन और सामयिक उपचार सहित कई रूपों में आते हैं। इस दौरान डॉ रोहित पुंगा , डॉ नितिन भगत,ब्रिगेडियर डॉ आरएम शर्मा समेत विभिन्न विभागों के डीन और एचओडी मौजूद रहे।