हाथरस। सत्संग में भगदड़ के मामले में पुलिस ने नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और ‘सेवादार’ के रूप में काम करते थे। ये लोग भगदड़ मचने के समय मौके से भाग गए थे।
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया जा रहा है। जल्द ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। हम इस बात की भी जांच करेंगे कि कहीं यह घटना किसी साजिश के तहत तो नहीं हुई।
‘जरूरत पड़ेगी तो बाबा से करेंगे पूछताछ’
आईजी माथुर ने कहा, “अगर जरूरत पड़ेगी तो नारायण साकार उर्फ भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। एफआईआर के अंदर उनका (नारायण साकार उर्फ भोले बाबा) नाम नहीं है। जिम्मेदारी आयोजक की होती है। आयोजक का नाम एफआईआर में है। जो सेवादार थे, जिन्होंने भीड़ को रोकने की कोशिश की। जो वहां से भाग गए और जिन्होंने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”
सत्संग में भगदड़ की घटना में सेवादारों और आयोजकों की बड़ी लापरवाही इसमें सामने आई है। इसके पीछे साजिश भी बताई जा रही है। भगदड़ में लोग रौंदे जाते रहे, लेकिन इस घटना को शुरुआत में छिपाने की कोशिश हुई।
सेवादारों ने नहीं उठने दिए शव
सेवादारों ने मदद को पहुंची पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और अन्य लोगों को शव नहीं उठाने दिए। कहा कि यह बाबा के आशीर्वाद से सही हो जाएंगे। व्यवस्था में लगे तमाम सेवादार मौके से भाग गए। सीएम ने भी इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है।
घटना मंगलवार को करीब पौने दो बजे की है। यहां बाबा का काफिला निकलने के दौरान रज एकत्रित करने को लेकर धक्का-मुक्की और भगदड़ हुई। सेवादार और बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों की धक्का-मुक्की के चलते भगदड़ की रिपोर्ट एसडीएम ने भेजी है। इधर, घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद भी इस बात को कहते नजर आए। उन्होंने बताया कि जब गड्ढे में गिरे लोगों को बचाने के लिए ग्रामीण और पुलिस-प्रशासिक अधिकारी आगे बढ़े तो सेवादारों ने उन्हें शव नहीं उठाने दिए।