रामपुर। डूंगरपुर प्रकरण में शनिवार को न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां समेत चार को दोष सिद्ध कर दिया। अन्य दोष सिद्ध में सेवानिवृत्त सीओ सिटी आले हसन खां, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां और बरेली के ठेकेदार बरकत अली शामिल हैं। इस मामले में अब सोमवार को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में न्यायालय ने लूट और माल बरामदगी की धारा हटा दी है।
डूंगरपुर प्रकरण सपा शासनकाल का है। तब पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें एक मुकदमा जेल रोड निवासी एहतेशाम की तहरीर पर दर्ज हुआ था। इसमें उनका कहना था कि वर्ष 2011-12 में उनके द्वारा डूंगरपुर में 373 गज जमीन खरीदी गई थी। इसमें थोड़ी सी जगह में छोटा सा मकान बनाकर वह परिवार के साथ रहने लगे। बाकी जगह में स्कूल खोलने की तैयारी थी।
2016 को हुई थी वारदात
तीन फरवरी 2016 की रात नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजहर खां, तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खां और बरेली के थाना इज्जतनगर में ग्राम कंजा निवासी बरकत अली ठेकेदार 20-25 पुलिसवालों को लेकर उनके घर में घुस आए। मकान से मारपीट कर बाहर निकाल दिया।
घर में रखे 25 हजार रुपये और इंटेक्स कंपनी का मोबाइल लूट लिया। उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन मंत्री आजम खां के जनता दरबार में की तो आजम खां ने उनकी बात सुनने के बजाय अभद्रता की। जनता दरबार में मौजूद ओमेंद्र सिंह चौहान, जिबरान, फरमान आदि ने उनके साथ मारपीट कर भगा दिया था। पुलिस ने जांच कर सभी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई।
सीतापुर जेल से जेल आए थे आजम खां
शनिवार को पत्रावली सुनवाई के लिए नियत थी। अपराह्न ढाई बजे आजम खां को सीतापुर जेल से कड़ी पुलिस सुरक्षा में न्यायालय लाया गया। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा.विजय कुमार ने इस मामले में आजम खां, आले हसन खां, अजहर खां और बरकत अली को दोषी मान लिया, जबकि अन्य आरोपित सपा के प्रदेश सचिव ओमेंद्र चौहान, जिबरान और फरमान को दोषमुक्त कर दिया है।
डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में आजम खां को मिल चुकी है राहत
सपा नेता आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में फैसला हो चुका है। यह मामला रूबी पत्नी करामत अली की ओर से दर्ज कराया गया था। न्यायालय ने सुनवाई पूरी होने के बाद 31 जनवरी 2024 को इसमें फैसला सुनाते हुए आजम खां समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया था।
आजम खां के खिलाफ दर्ज हुए थे 84 मुकदमे
आजम खां के विरुद्ध वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर न्यायालय में विचाराधीन हैं। अब तक कुल पांच मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें तीन मामलों में उन्हें सजा हुई थी, जबकि दो मामलों में बरी हो गए थे। मुरादाबाद की अदालत से भी एक मामले में सजा हो चुकी है। इस समय आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम जेल में हैं। इन तीनों को अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 18 अक्टूबर 2023 को सात साल की सजा हो चुकी है।