दिल्ली की एक अदालत ने सुपरटेक के चेयरमैन और प्रमोटर आर.के अरोड़ा की चिकित्सा आधार पर अपनी अंतरिम जमानत 90 दिनों के लिए और बढ़ाने की मांग खारिज कर दी। अरोड़ा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंदर कुमार जांगला ने अरोड़ा की याचिका खारिज करते हुए जेल अधिकारियों को यह सुनिश्चित के लिए कहा कि उन्हें अपने डॉक्टरों द्वारा निर्धारित आवश्यक चिकित्सा उपचार मिले।
अदालत ने अरोड़ा को 13 मई को शाम पांच बजे तक जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद अरोड़ा की अंतरिम जमानत बढ़ाने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने कहा कि अरोड़ा को इस साल 16 जनवरी से पहले ही अंतरिम जमानत दी जा चुकी है। उनकी मेडिकल जांच पूरी हो गई है।
न्यायाधीश ने कहा कि अरोड़ा हिरासत में रहते हुए आवश्यक चिकित्सा उपचार प्राप्त कर सकते हैं। ईडी ने अरोड़ा को पिछले साल 27 जून को गिरफ्तार किया था। उन पर 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।