कोलकाता और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश की उन्नाव पुलिस पर भी नाबालिग से दुष्कर्म की घटना को छिपाने का आरोप लगा है. उन्नाव पुलिस पर यह आरोप बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष ने लगाया है. उधर, समाजवादी पार्टी ने भी इस मामले को लेकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट लिखकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है.
दरअसल, सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की 15 वर्षीय लड़की अपने 13 वर्षीय भाई के साथ कोर्ट के आसपास घूम-घूमकर पानी के पाउच और छोटा-मोटा सामान बेचकर गुजारा करती है. उसकी मां का निधन हो चुका है. पिता हमेशा नशे में धुत रहता है. दोनों भाई-बहन कोर्ट के पास ही एक मोहल्ले में किराए के मकान में रहने वाली बड़ी बहन के साथ रहते थे. लेकिन, एक महीने पहले बड़ी बहन की भी मौत हो गई.
इसके बाद दोनों के पास मकान का किराया देने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए दोनों भाई-बहन घर छोड़कर एसपी कार्यालय के आसपास रात में बंद होने वाली दुकानों के बाहर सो जाते थे. 17 अगस्त को भाई-बहन एसपी कार्यालय की दीवार के पास शैलेंद्र सिंह की चाय की दुकान के बाहर बेंच पर सो गए थे. तभी केवटा तालाब निवासी शैलेंद्र सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद 20 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया और किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद शनिवार को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने इसकी जानकारी न तो मीडिया को दी और न ही बाल कल्याण समिति को. पुलिस ने नाबालिग पीड़ित को वैसे ही जाने दिया. अब जब बाल कल्याण समिति को अपने सूत्रों से इस घटना की जानकारी मिली, तो सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रीति सिंह ने कहा है कि पुलिस ने घटना को छिपाया है.
मामले में CWC अध्यक्ष ने कही ये बात
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष प्रीति सिंह ने बताया कि शनिवार को कोर्ट से एक वकील ने उन्हें फोन कर बताया कि दो मासूम बच्चे कोर्ट के पास बीमार पड़े हैं. उनके साथ कोई घटना घटी है. उन्हें डर है कि भविष्य में उनके साथ भी ऐसी घटना हो सकती है. इस पर मैं बच्चों को अपने बाल संरक्षण अधिकारी के पास ले आया और उनसे पूछताछ की. तब पता चला कि चाय बेचने वाले शैलेंद्र सिंह ने 15 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया है.
पुलिस ने उन्हें इस घटना के बारे में नहीं बताया और इसे छिपाए रखा. जबकि नियम है कि नाबालिग के साथ कोई भी घटना होने के 24 घंटे के अंदर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उसका बयान दर्ज किया जाना चाहिए. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और अभी तक इस बारे में कुछ नहीं बताया है. बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. मंगलवार को कार्यालय खुलते ही आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को घेरा
वहीं, समाजवादी पार्टी ने भी सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है. सपा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट लिखकर लिखा कि योगी जी, शर्म बची है क्या? वहीं, पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है.