ग्रेटर नोएडा। जेवर कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करने की फिराक में लगे गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। मामला पकड़ में आने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गए थे।
वहीं पकड़े गए आरोपितों की पहचान नीटू, जयवीर, भूरा निवासी गांव हसनपुर जिला बुलंदशहर व दस्तमपुर थाना जेवर निवासी सौरभ, गांव जबा जिला बुलंदशहर निवासी पिंकू उर्फ देवीचरण, मुरादगढ़ी थाना रबूपुरा निवासी राहुल भाटी व प्रथम भाटी के रूप में हुई है।
ये था आरोपितों का प्लान
बताया गया कि आरोपितों ने 24 जून को रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के कानपुर गांव में 14 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने का प्रयास किया था। दो आरोपित अभी भी फरार है।
आरोपितों से तय हो गया था सौदा
24 जून को मूलरूप से मोहल्ला बनी सराय जेवर निवासी गौतम अपने साथी योगेश शर्मा के साथ अपने जानकारी पानीपत हरियाणा निवासी मधुर गोयल व हार्दिक गोयल के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराने सब रजिस्टार कार्यालय जेवर पहुंचे थे। जमीन की रजिस्ट्री को लेकर आरोपितों से 20 अप्रैल को सौदा तय हो गया था।
जमीन की कीमत 17 लाख रुपये बीघा के हिसाब से दो करोड़ 38 लाख रुपये तय हुई। बयाने के तौर पर 15 लाख रुपये आरटीजीएस जमीन विक्रेता वैभव के कोटक महिंद्रा बैंक खाते में भेजने के साथ छह लाख रुपये नकद भुगतान किया था।
गौतम के साथी योगेश शर्मा व जगदीश शर्मा ने विक्रेता को देखकर बताया कि ये जमीन के असली मालिक नहीं है। यह बात सुनकर आरोपित मौके से फरार हो गए।
आरोपितों को नहीं पता थी यह बात
दरअसल, योगेश जमीन के असल मालिक वैभव, गौरव व उनकी मां नीरज को न केवल अच्छी तरह जानता था बल्कि जिस जमीन का सौदा हो रहा था उस जमीन को बटाई पर भी लेकर खेती करता था। वैभव,गौरव उसकी मां नीरज दादरी में रहते हैं। आरोपितों को पता नहीं था कि खरीदार अपने संग योगेश को भी लेकर आ जाएंगे।
बनवा लिए थे फर्जी आधार और पैन कार्ड
पुलिस जांच में सामने आया कि जमीन के असल मालिक वैभव, गौरव व उनकी मां नीरज के नाम पर फर्जी आधार, पैन कार्ड बनवा लिए थे। आरोपित प्रथम भाटी ने वैभव व खुर्जा निवासी सीमा ने नीरज के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे। जमीन फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आरोपित फरवरी से जुटे थे।
आरोपितों ने गांव छोड़कर शहर में जा बसे लोगों की जमीन चिह्नित कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर घटना को अंजाम देने की कोशिश की, लेकिन मामला पकड़ में आ गया। आरोपितों ने इस तरह की पहले कितनी घटनाओं को अंजाम दिया इसकी जांच की जा रही है। – अशोक कुमार शर्मा, एडीसीपी ग्रेटर नोएडा