ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट एक्ट लागू कराने की मांग को लेकर दादरी विधायक से मुलाकात की गौतम बुध नगर विकास समिति के सदस्यों ने विधायक तेजपाल नागर से मिलकर उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट को लागू कराने की मांग की सदस्यों की मांग पर विधायक ने आश्वासन देते हुए लिफ्ट एक्ट के मुद्दे को विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया। गौतम बुध नगर में लिफ्ट एक्ट नियम लागू करने के लिए कई संगठनों ने प्राधिकरण में सरकार से मांग की है लेकिन अभी तक लिफ्ट एंड एस्केलेटर्स एक्ट लागू नही हुआ है।
गौतमबुद्ध नगर समिति की अध्यक्ष रश्मि पाण्डेय ने बताया की नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद समेत राज्य के तमाम जिलों में बहुमंजिला हाउसिंग सोसाइटीज हैं। इन इमारतो में आने जाने के लिए लिफ्ट और एलिवेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसके आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होती रहती है। उत्तर प्रदेश में अभी तक इन लिफ्ट और एलीवेटर से जुड़ी व्यवस्थाओं व संचालन को नियमित करने के लिए कोई कानून उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट पिछले कई सालों से लंबित है। दूसरी ओर बिल्डर हाईराइज इमारतों का निर्माण करने के दौरान लिफ्ट लगाता है और दशकों के बाद कब्जा देता है। इसलिए ज्यादातर लिफ्ट पुरानी हो जाती हैं और नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है।
गौतमबुद्ध नगर विकास समिति के महासचिव आदित्य अवस्थी ने कहा की इन लिफ्ट की वारंटी और गारंटी समाप्त हो चुकी होती है। हमारे शहरों में हर दूसरे दिन लिफ्ट से जुड़ा कोई ना कोई हादसा हो रहा है। इन हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग विकलांग हुए हैं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग तो लिफ्ट में सवार होने से डरते हैं। आम आदमी में लिफ्ट्स को लेकर मानसिक दबाव बढ़ रहा है।
इस दौरान ज्ञापन देते हुए इन लोगों ने दादरी विधायक से मांग की कि इस गंभीर विषय को तुरंत संज्ञान ले और लोक निर्माण विभाग मंत्री जतिन प्रसाद से वार्ता करके ‘लिफ्ट एंड एस्केलेटर्स बिल’ का मसौदा जल्दी से जल्दी तैयार कराया जाए और राज्य सरकार को भेजा जाए। जिससे यह कानून उत्तर प्रदेश विधानसभा में पास कराकर लागू कराया जा सके।
गौतम बुध नगर समिति के सदस्यों के द्वारा दादरी विधायक को ज्ञापन देकर जिले में लिफ्ट एंड एस्केलेटर्स एक्ट लागू कराने की मांग की गई जिस पर दादरी विधायक तेजपाल नागर ने गौतमबुद्ध नगर विकास समिति के सदस्यों को आश्वाशन दिलाया है कि वो विधान सभा में लिफ्ट के मुद्दे को गंभीरता से उठायेंगे।
पांच साल से फाइलों में है लिफ्ट्स बिल का ड्राफ्ट
दरअसल, लोक निर्माण विभाग ने साल 2018 में ‘लिफ्ट एंड एस्केलेटर्स एक्ट’ का ड्राफ्ट तैयार करके राज्य सरकार को भेजा था। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिफ्टों और एस्केलेटरों के उचित रखरखाव और कार्य प्रणाली के लिए नियम निर्धारित करना था। लेकिन पांच साल हो गए हैं ड्राफ्ट को आगे बढ़ाने के लिए कोई हलचल नहीं हो रही है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सहित भारत के कई राज्यों में लिफ्टों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए ऐसे कानून हैं। महाराष्ट्र में तो यह कानून साल 1939 में बनाया गया था।