गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से ठगी का एक अलग ही मामला सामने आया है। कई बार पैरंट्स बच्चे को शांत कराने के लिए मोबाइल में वीडियो चलाकर दे देते हैं। वेव सिटी में रहने वाले एक व्यक्ति ने भी ऐसा ही किया था। बच्चा मोबाइल में वीडियो देख रहा था। तभी ठग ने कॉल कर दिया। उसने बच्चे से कहा कि वीडियो अभी रुककर चल रहा है। एक नंबर आया है, उसे बता दोगे तो वीडियो तेज चलेगा। बच्चे ने नंबर बता दिया। वह नंबर क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन का ओटीपी था। कुछ देर बाद ही क्रेडिट कार्ड से 50 हजार 800 रुपये निकल गए। आशंका जताई जा रही है कि ठग के पास कार्ड की बाकी डिटेल थीं। उसी के जरिए ट्रांजेक्शन किया था, जिसका ओटीपी आया था। इससे पहले करीब इतने ही रुपये की ट्रांजेक्शन बच्चे के पिता ने भी नया कार्ड जारी कराने के लिए की थी। उसे भी ठगों का ही कारनामा बताया जा रहा है। एसीपी वेव सिही रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर साइबर सेल की मदद से जांच चल रही है।
वेव सिटी की एक सोसायटी में रहने वाले विकेश कुमार ने बताया कि जनवरी में उन्होंने क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था। बैंकिंग प्रॉसेस में उनका आवेदन रद्द हो गया था। कुछ दिन बाद उनके पास एक व्यक्ति ने कॉल किया और पुराने आवेदन पर ही 10 लाख रुपये की लिमिट का क्रेडिट कार्ड बनाने का झांसा दिया। विकेश की पत्नी की हार्ट सर्जरी होने वाली है। उन्हें रुपये की जरूरत थी। इसी वजह से उन्होंने कार्ड बनाने के लिए सहमति दे दी। बाद में कॉल करने वाले ने कहा कि पुराने क्रेडिट कार्ड पर 50-60 लेनदेन हुए हैं, जिसे एक साथ करने के लिए 50 हजार 900 रुपये की पेमेंट करनी होगी। उसने दावा किया कि नया कार्ड बनने के बाद यह राशि उसमें एडजस्ट हो जाएगी।
विकेश ने इसी बात के लिए 50 हजार 900 की पेमेंट कर दी थी। इसके बाद उनका 5 साल का बेटा मोबाइल लेकर वीडियो देखने लगा। वह किसी और काम में व्यस्त थे। तभी एक और कॉल आई। कॉल करने वाले ने बच्चे से कहा कि मेसेज में एक नंबर आया है, अगर बता दोगे तो जो वीडियो देख रहे वह तेज चलने लगेगा। बच्चे ने कॉल करने वाले को नंबर बता दिया। वह नंबर क्रेडिट कार्ड से 50 हजार 800 रुपये के ट्रांजेक्शन का ओटीपी था। फिर कार्ड से रुपये निकल गए।
इन बातों का रखें ख्याल
- बच्चे को मोबाइल देते हैं तो वॉट्सऐप, सोशल साइट और मेसेज को लॉक रखें।
- मोबाइल देकर बच्चों से दूर न हों, उन पर नजर रखें कि वे क्या देख रहे हैं।
- कोशिश करें कि बच्चे को मोबाइल देने से पहले फ्लाइट मोड में कर दें।
- बच्चे की पसंद के वीडियो हमेशा डाउनलोड करके रखें।
- डॉक्टरों की सलाह है कि बच्चों को मोबाइल या कंप्यूटर से दूर रखना बेहतर होता है।
- मोबाइल देने की जगह बच्चे के साथ कोई गेम खेलें या पढ़ने को प्रेरित करें।
- ठगी की शिकायत तुरंत अपने बैंक को टोल फ्री नंबर पर देकर नजदीकी ब्रांच में लिखित में दें।
- किसी तरह की ठगी होने पर पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112 पर सूचना दें।
- केंद्र सरकार के साइबर दोस्त हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी शिकायत कर सकते हैं।