ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में सार्क जर्नलिस्ट फोरम के सहयोग से ‘राष्ट्र निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका बुधवार को समापन हुआ। इस मौके पर भारत सरकार के कैबिनेट मंन्त्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय भी उपस्थित रहे जहाँ उन्होंने बताया कि भारत चिंतन – मनन का देश है इसमे पहले शास्त्रार्थ होते थे,अब सेमिनार होते हैं। पत्रकारिता और राष्ट्र निर्माण एक दूसरे के पूरक हैं। पुराना ब्रह्मावर्त और अखंड भारत ही आज के सार्क का मूल है। हम एक हैं। सार्क देश हमारे न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि सगे संबंधी और आत्मीय हैं। वसुधैव कुटुंबकम् की ही अभिव्यक्ति है सार्क जर्नलिस्ट फोरम।सरकार को सचेत करना भी राष्ट्र निर्माण का भाग है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि ” आजादी के पूर्व हमारे देश के यशस्वी नेता पत्रकार भी थे।आजादी की लड़ाई के बाद देश कैसा हो, वे इसपर विचार कर रहे थे। महामना मालवीय जी ने बीएचयू बनाकर भविष्य के भारत के निर्माण का काम किया। मालवीय जी ने अभ्युदय और लीडर नाम से पत्र निकाले। भारत में लंबे समय तक कांग्रेस शासन के बाद जो देश में सरकार बदली उसमें पत्रकारों का बड़ा योगदान था।भ्रष्टाचार के विरुद्ध जो आंदोलन चले उनमें भी पत्रकारों की बड़ी भूमिका थी। पत्रकारों ने आपातकाल का विरोध किया। आजादी के बाद का दूसरा सबसे बड़ा जन आंदोलन अयोध्या आंदोलन था। इसमें भी पत्रकारों की बड़ी भूमिका थी।”
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर बंदना पांडे ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पत्रकारिता होती है जन हित के लिए जो बेजुबान को जुबान देती है पत्रकारिता। जो कष्ट में हैं, उनके प्रश्नों को उठाती है। सार्क जर्नलिस्ट फोरम के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू लामा ने कहा कि लुंबिनी में जन्मे गौतम बुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय नेपाल में नहीं है। नेपाल में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की शाखा बननी चाहिए। भारत नेपाल का संबंध केवल आज का और राजकीय स्तर का नहीं है। राम का, महाभारत काल का और गौतम बुद्ध का संबंध है।
इस दौरान संगोष्ठी के मुख्य संरक्षक और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि यह आयोजन 2023 की पहली संगोष्ठी है।सार्क के प्रतिनिधियों के मन में भारत और विश्विद्यालय के प्रति जो प्रेम है वह व्यक्त हुआ है। हम सभी प्रतिभागियों और गणमान्य अतिथियों के आभारी हैं। सार्क जर्नलिस्ट फोरम कोऑर्डिनेटर इंडिया चैप्टर, प्रोफेसर स्मिता मिश्रा ने कहा कि सार्क देशों के भीतर एक ही वायु तंतु मौजूद है। हम आत्मीय संबंध का अनुभव करते हैं।
जन संचार विभाग, जीबूयू के अध्यक्ष डॉ.ओम प्रकाश ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की।सार्क देशों से आए अकादमिक जगत और पत्रकारिता क्षेत्र के सभी अतिथियों, प्रतिनिधियों, जनसंचार विभाग के फैकल्टी और शोध अध्येताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित करते हुए दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन किया गया।