उत्तर प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तान की आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 2 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. दोनों पर आरोप है कि ये लोग आतंकी फंडिंग में शामिल थे. सूत्रों से मिल रही जानकारी से अनुसार अमृत गिल को पंजाब से 23 नवंबर को गिरफ्तार कर लखनऊ लाया गया. दूसरे आरोपी रियाजुद्दीन को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के बाद रविवार को इन दोनों को गिरफ्तार किया गया.
खबर विस्तार से
ATS मुख्यालय से रविवार को जारी बयान के अनुसार एटीएस ने पंजाब के भटिंडा के निवासी अमृत गिल उर्फ अमृत पाल (25) और गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के फरीदनगर निवासी रियाजुद्दीन (36) को गिरफ्तार किया गया. ATS टीम अमृत गिल को भटिंडा से 23 नवंबर को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया. वहीं रियाजुद्दीन को भी पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय तलब किया गया था. वही से दोनों को गिरफ्तार किया गया.
आईएसआई के लिए करते थे काम
ATS के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ” हम लोगों को काफी समय से यह सूचना मिल रही थी कि कुछ लोगों को संदिग्ध स्रोतों से पैसे मिल रहे हैं, जिसका प्रयोग आतंकी गतिविधियों व जासूसी के लिए किया जा रहा है. बयान के मुताबिक, आईएसआई के संपर्क में आकर पैसों के लालच में जासूसी करने और संवेदनशील गोपनीय सूचनाएं भेजने की जानकारी मिली थी तथा इसकी छानबीन के बाद एटीएस थाने में रियाजुददीन और इजहारुल हक समेत अन्य के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
सेना की जानकारी देते थे
अधिकारी के द्वारा आगे बताया गया कि जांच के दौरान ATS ने रियाजुद्दीन के बैंक खातों का विश्लेषण किया तो मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच करीब 70 लाख रुपये आने की जानकारी मिली और इसे अलग-अलग खातों में भेजा गया. आगे बताया गया कि आईएसआई को सूचना देने वाले दूसरे आरोपी ऑटो चालक अमृत गिल के खाते में ये पैसे भेजे गए. अमृत गिल ने इन पैसों को लेकर भारतीय सेना के टैंक आदि की सूचनाएं साझा की थी.
कहां हुई दोनों की मुलाकात?
रियाजुद्दीन और इजहारुल की मुलाकात वेल्डिंग का कार्य करते समय राजस्थान में हुई थी और तबसे दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे. ये दोनों मिलकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए कार्य करते थे. आगे जानकारी देते हुए बताया गया कि पूछताछ और प्रारंभिक जांच से पता चला कि अमृत गिल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील व गोपनीय जानकारी भेजा करता था तथा इस कार्य के बदले अमृत गिल को रियाजुद्दीन व इजहारुल की मदद से पैसे पहुंचाए जाते थे.