उरई में कालपी कोतवाली क्षेत्र के बरदौली गांव निवासी मनीष और कैलिया थाना क्षेत्र के हिगुंटा व हाल पता निवासी सुशील नगर की दीक्षा एक दूसरे से प्रेम करते थे। इसकी भनक मनीष के परिजनों को लग गई थी। इसका उन्होंने विरोध भी किया था। बुधवार सुबह जब मनीष घर से निकला तो परिजनों ने पूछा, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। दीक्षा भी सुबह बिना कुछ बताए परिजनों के निकल गई।
बताते हैं कि इसके बाद दोनों कालपी पहुंचे और व्यास मंदिर व बनखंडी मंदिर में जाकर दर्शन किए। वहां उन्हें गांव के कुछ लोग पूजा पाठ करते मिल गए, जिस पर वह वहां से निकल कर चले गए। लोगों की मानें तो मनीष ने शाम को परिजनों को फोन किया और कहा कि वह दीक्षा से शादी करना चाहता है। जिस पर परिजनों ने समाज का हवाला देकर इंकार कर दिया।
इसके बाद दोनों घूमते रहे और रात में कालपी कोतवाली क्षेत्र के उसरगांव के पास पहुंचे और एक दूसरे से जुदा न हो तो दोनों ने गमछे से अपने शरीर को बांध लिया और आपस में लिपट गए, ट्रेन के आने पर दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। ट्रेन की चपेट में आने से दीक्षा का चेहरा बुरी तरह से पिस गया। वहीं मनीष के भी गर्दन में अधिक चोंट आने से दोनों की मौत हो गई।
बचपन से ही एक-दूसरे से था लगाव
बरदौली गांव निवासी मनीष की मां माया हिगुंटा गांव की निवासी थी। इस वजह से मनीष का बचपन से गांव में आना-जाना था। वह महीनों ननिहाल में रहता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती नरेश की पुत्री दीक्षा से हो गई। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने लगी थी दीक्षा
दीक्षा के मां के निधन के बाद कृषि विभाग में कार्यरत पिता नरेंद्र छोटे भाई व पिता के साथ उरई में आकर रहने लगे। दीक्षा यही पर एक कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने लगी। इसी दौरान रिश्तेदार होने की वजह से मनीष भी उसके घर कभी-कभी पहुंच जाता था।
पूरे दिन किए मंदिरों के दर्शन, फिर ट्रेन से कटकर जान दे दी
बुधवार को जब दोनों घर से निकले तो बस दोनों के मन में एक ही बात चल रही थी कि एक साथ जिएंगे और एक साथ मरेंगे। पूरे दिन मंदिरों के दर्शन करने के बाद दोनों ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। इस दौरान दोनों के हाथ एक दूसरे को हाथों में थे। लोगों का कहना है कि अगर दोनों की शादी करवा दी जाती तो शायद वह इतना बड़ा कदम नहीं उठाते।
जानें क्या है पूरा मामला
प्रेम प्रसंग में जब परिजन बाधा बने तो प्रेमी युगल ने एक दूसरे को गमछे से बांध कर ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। दोनों की मौत हो गई। सुबह जब लोग उधर से निकले, तो उनके शव पड़े देख पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने परिजनों के शिनाख्त करने पर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे।
परिजनों को थी जानकारी
कालपी कोतवाली क्षेत्र के बरदौली गांव निवासी बृजलाल अहिरवार का पुत्र मनीष (22) कोंच कोतवाली क्षेत्र के हिगुंटा गांव निवासी अपने मामा के रिश्ते में ममेरे भाई नरेंद्र की पुत्री दीक्षा (20) से प्रेम करता था। यह बात दोनों के परिजनों को पता नहीं थी। लेकिन दोनों अक्सर फोन पर बातें किया करते थे।
दोनों सुबह बिना बताए घर से निकल गए
इससे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं। दूर के रिश्ते में चाचा-भतीजी लगने वाले युवक और युवती के घर वालों को जब प्रेम संबंध का पता चला, तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद बुधवार सुबह दीक्षा घर से निकल गई। इसके साथ ही मनीष भी अपने कागजात लेकर घर से निकल आया।
आपस में लिपटे पड़े मिले दोनों के शव
दोनों कालपी में दिन भर घूमने के बाद घर नहीं पहुंचे, तो परिजनों ने उनकी खोजबीन की। लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चला। गुरुवार सुबह कालपी कोतवाली क्षेत्र के उसरगांव के पास निकली रेलवे लाइन से ट्रैक पर दोनों के शव आपस में लिपटे पड़े मिले। सुबह ग्रामीण जब वहां से निकले, तो शव पड़े देख उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी।पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उनके पास मिले कागजातों से दोनों की शिनाख्त कराकर परिजनों को सूचना दी।