प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय में मंगलवार को छात्र अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान छात्रों से बातचीत करने के लिए विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह ने सुरक्षा गार्ड का डंडा छीनकर छात्र की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. अचानक से चीफ प्रॉक्टर द्वारा गुंडई भरे अंदाज में छात्र की पिटाई किए जाने से वहां अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ छात्रों को पकड़कर युनिवर्सिटी कैम्पस से दूर पहुंचाया. वहीं, चीफ प्रॉक्टर की पिटाई से घायल छात्र और अन्य छात्र संगठन से जुड़े छात्र नेताओं की भीड़ कर्नलगंज थाने पहुंची. छात्र चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करने की मांग पर अड़ गए. चीफ प्रॉक्टर द्वारा की गई पिटाई से घायल विवेक कुमार की मांग है कि चीफ़ प्रॉक्टर के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजे और विश्वविद्यालय प्रशासन भी उनके खिलाफ कार्रवाई करे.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी गेट पर मंगलवार को छात्र गेट बंद करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान छात्रों से बातचीत करने पहुंचे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह पहुंचे थे. छात्रों से बातचीत के दौरान चीफ प्रॉक्टर उग्र हो गए और सुरक्षा गार्ड का डंडा छीनकर छात्रों पर बरसाने लगे. इस दौरान चीफ़ प्रॉक्टर से बहस कर रहे छात्र विवेक कुमार को उन्होंने जमकर पीटा. किसी छात्र ने चीफ प्रॉक्टर की गुंडई भरे अंदाज का वीडियो बना लिया. इसके बाद उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. चीफ प्रॉक्टर द्वारा छात्र की बेहरमी से पिटाई का वीडियो लोग सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर कर कमेंट कर रहे हैं.
घायल छात्र विवेक कुमार के साथ अन्य छात्रों ने कर्नलगंज थाने का घेराव करके चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. घायल छात्र का आरोप है कि चीफ़ प्रॉक्टर ने उसको जाति सूचक गालियां दीं और डंडे से जमकर पिटाई की. छात्र विवेक कुमार के साथ अन्य छात्र कर्नलगंज थाने पहुंचे और पुलिस से आरोपी चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की. इसी के साथ अन्य छात्र भी पीड़ित छात्र के समर्थन में थाने पहुंच गए. छात्रों ने चेतावनी दी है कि चीफ़ प्रॉक्टर के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई नहीं की गई तो छात्र आंदोलन करेंगे. इसके साथ ही छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जिन भी छात्र नेता के खिलाफ निष्काशन और निलंबन की कार्रवाई की गई है, उसको वापस लिया जाए.
इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से बयान जारी कर सफाई दी गई है. विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर की तरफ से दी गई सफाई में बताया गया है कि गंभीर अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित एक छात्र के विरुद्ध की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरोध में करीब 50 छात्र एकत्रित थे. इसमें से अधिकतर लोग विश्वविद्यालय से जुड़े हुए नहीं थे. वहीं, लोग इकट्ठे होकर लाइब्रेरी का गेट बंद कर दिया था. इसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड द्वारा रोकने पर उनको गाली देते हुए प्रॉक्टर पर हमला किया गया. इतना ही नहीं वे वहां मौजूद दूसरे असिस्टेंट प्रॉक्टर को भी मारने पर उतारू होकर हाथापाई करने लगे थे.
प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम का पीछा करते हुए उपद्रवी तत्त्व कुलानुशासक कार्यालय तक पहुंच गए. इसके बाद हालात को काबू करने के लिए मौके पर पुलिस को बुलाया गया और पुलिस वहां से भीड़ में शामिल लोगों को अपने साथ ले गई. इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से उपद्रव करने वाले लगभग 6 लोगों के विरुद्ध नामजद और शेष अज्ञात लोगों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी जा चुकी है.