मणिपुर के जिरीबाम में शांति बहाल करने के लिए मेइती और हमार समुदायों के बीच हुए शांति समझौता होने के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है। मेइती और हमार समुदायों के बीच समझौता होने के एक दिन बाद ही तनाव पैदा करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। जहां एकतरफ गोलीबारी की गई और एक खाली पड़े घर को आग लगा दी गई तो वहीं फायरिंग की भी खबर है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि लालपानी गांव में खाली पड़े एक घर को शुक्रवार रात हथियारबंद लोगों ने आग के हवाले कर दिया।
खाली पड़े घर में लगाई आग
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यह घटना एक बिल्कुल ही अलग बस्ती में हुई जहां मेइती समुदाय के कुछ लोगों के घर हैं और जिले में हिंसा भड़कने के बाद से इनमें से अधिकतर घर खाली पड़े हैं। उपद्रवियों ने इलाके में सुरक्षाकर्मियों की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर आगजनी की। उपद्रवियों की पहचान नहीं हो सकी है।’’ उन्होंने बताया कि हथियारबंद लोगों ने बस्ती को निशाना बनाकर गोलियां भी चलाईं। घटना के बाद सुरक्षाबलों को इलाके में भेजा गया।
गुरुवार को ही हुआ था समझौता
बृहस्पतिवार को असम के कछार में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रतिष्ठान में हुई बैठक में मेइती और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ था। बैठक का संचालन जिरीबाम जिला प्रशासन, असम राइफल्स और सीआरपीएफ ने किया, जिसमें जिरीबाम जिले के थाडौ, पैते और मिजो समुदायों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। इन समुदायों के प्रतिनिधियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में यह संकल्प लिया गया कि दोनों पक्ष सामान्य स्थिति बहाल करने तथा आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
दोनों पक्ष जिरीबाम जिले में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों को पूर्ण सहयोग देंगे।’’ अगली बैठक 15 अगस्त को होगी। पिछले वर्ष मई से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।