कौशांबी : पिपरी के मुरादपुर गांव में सीता हत्याकांड का पर्दाफाश पुलिस ने कर लिया है। दरअसल मोहब्बत के चलते बेटे ने प्रेमिका संग अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया गया। निर्मम तरीके से की गई हत्या में प्रयुक्त चाकू व ईंट भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर ने प्रेस कांफ्रेंस में मामले का पर्दाफाश किया गया। इसके बाद दोनों आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चालान न्यायालय भेजा। जहां से दोनों को जेल भेजा गया।
मुरादपुर निवासी सुरेश कुमार की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उसकी पत्नी सीता देवी ने खेती करके अपनी तीन बेटियों व तीन बेटों का भरण पोषण किया था। सीता तीनों बेटियों व दो बेटों की शादी कर चुकी थी। दोनों बेटे अपने बीवी व बच्चों के साथ अलग रहते थे। जबकि छोटा बेटा नीरज मां के साथ रहता था। नीरज की भी शादी सीता ने तय कर दी थी। जबकि नीरज पूरामुफ्ती के मंदिर देह माफी निवासी ऊष्मा देवी से शादी करना चाहता था। रिश्ता लेकर ऊष्मा के पिता घर भी पहुंचे तो सीता ने इन्कार कर दिया। इस पर उन्होंने देख लेने की धमकी दी।
बहरहाल, नौ मई को धारदार हथियार से वार कर सीता की हत्या कर दी गई। उसकी लाश घर के बाहर पड़ी मिली। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कानूनी औपचारिकता पूरी की। नीरज की तहरीर पर पुलिस ने ऊष्मा व उसके पिता हरिलाल समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया। धर-पकड़ के बाद दोनों से पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो कई अहम साक्ष्य सामने आए।
अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि घटना वाले दिन मुरादपुर गांव के बाहर कई दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे में नीरज के साथ ऊष्मा देखी गई थी। ऐसे में पुलिस ने दोनों की धर-पकड़ कर उनसे पूछताछ की। नतीजतन नीरज व ऊष्मा ने अपराध स्वीकार कर लिया। बताया कि उनकी शादी में मां सीता रोड़ा बन रही थी। ऐसे में दोनों ने सीता देवी पर पहले ईंट से वार किया। इसके बाद चाकू से वार कर हत्या कर दी।
इस तरह की हत्या
पिपरी के मुरादपुर में जिस समय सीता की हत्या की गई। उस समय ऊष्मा के साथ नीरज घर पर ही था। मां ने विरोध किया तो दोनों में झगड़ा हुआ और दोनों ने मिलकर हत्या कर दिया। पुलिसिया पूछताछ में नीरज ने बताया कि उसकी शादी ऊष्मा से न होने के चलते वह अपनी मां से नफरत करने लगा था। इसके चलते वह ज्यादातर अपनी बहन की ससुराल में ही रहता था। कभी-कभार घर आता-जाता था लेकिन शादी की बात को लेकर उसकी अक्सर मां से लड़ाई हुआ करती थी। कई बार समझाने के बावजूद जब सीता नहीं मानी।
बहरहाल घटना वाले दिन नीरज घर पर ही ऊष्मा के साथ एक कमरे में मौजूद था। आहट होने पर सीता की नींद खुली और उसने बेटे को आवाज लगाई तो फौरन नीरज कमरे से निकलकर बाहर आ गया। जबकि ऊष्मा छिपी रही। इसे लेकर मां-बेटे में कहासुनी हुई। कुछ देर बाद ऊष्मा को घर के बाहर आना पड़ा। हाथापाई में सीता गिरी तो शोर मचाने का प्रयास किया। इस पर ऊष्मा ने उसका पैर पकड़ा और बेटे नीरज ने पहले ईंट से वार किया और फिर चाकू से गला रेत दिया।
ऊष्मा से मिलना नहीं छोड़ रहा था नीरज
मृतका सीता ने बेटे नीरज का रिश्ता दूसरी जगह तय कर दिया था। नीरज इस बात का विरोध करता और यही कहता कि वह शादी करेगा तो ऊष्मा से ही। पूछताछ में पुलिस को नीरज ने बताया कि वह चोरी-छिपे ऊष्मा से मिला करता था। उन्होंने तंत्र-मंत्र से लेकर मान मनौव्वल तक की लेकिन सीता दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं हुई।