लखनऊ: 31 जनवरी को यूपी के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विजय कुमार रिटायर हो जायेंगे। अब अगला डीजीपी कौन होगा इस पर भी चर्चा जोर शोर से चल रही है। शासन के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगले डीजीपी का पद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आनंद कुमार को दिया जा सकता है। आनंद कुमार अभी मौजूदा समय में सीबीसीआईडी के डीजी का पद संभाल रहे हैं। वहीं शासन के कुछ सूत्रों का ये भी कहना है कि नये डीजीपी के रूप में प्रशांत कुमार को तैनात किया जा सकता है। लेकिन सरकार आनंद कुमार का नाम आगे रख सकती है। इसकी भी कुछ वजह बताई जा रही हैं। वहीं मुकुल गोयल को पहले ही एक बार डीजीपी पद पर तैनात करने के बाद सरकार हटा चुकी है। ऐसे में वह डीजीपी पद के रेस से बाहर भी माने जा रहे हैं। मुकुल गोयल 11 मई, 2022 को मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाया गया था। इसके बाद उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनात किया गया था।
आनंद कुमार के पीछे एक ये भी है वजह
आनंद कुमार इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। योगी सरकार में उन्होंने लंबे समय तक एडीजी एलओ का कार्यभार बेहतर ढंग से संभाला था। ऐसे में योगी सरकार आनंद कुमार के नाम पर भरोसा सर सकती है।
वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर है इनका नाम
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची में दूसरे नंबर पर 1989 बैच के पीवी रामा शास्त्री और तीसरे नंबर पर 1990 बैच के आईपीएस एसएन साबत हैं। रामा शास्त्री इस समय प्रतिनियुक्ति पर डीजीपी पीएसएफ हैं। वह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं। वहीं एसएन साबत इस समय डीजी जेल के पद पर कार्यरत हैं।
माफियाओं का अंत करने में प्रशांत कुमार की अहम भूमिका
यूपी में प्रशांत कुमार ने माफियाओं को ढेर कराने में अहम भूमिका निभाई है। इसमें खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग का नाम शामिल है। 1990 बैच आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार के कार्यकाल में 300 से अधिक एनकाउंटर हुए। हालांकि प्रशांत कुमार इसका सारा श्रेय कभी खुद नहीं लेते हैं वह इसमे अपनी सक्रिय टीम की भी अहम भूमिका को मानते रहे हैं।
ये हो सकती है आनंद कुमार को डीजीपी बनाने की वजह
जानकारों के मुताबिक यूपी में डीजीपी का पद आनंद कुमार को दिया जा सकता है। क्योंकि स्पेशल डीजी का पद प्रशांत कुमार पहले से संभाल रहे हैं। और मौजूदा सरकार में कार्यवाहक डीजीपी अभी तक होते रहे हैं। सरकार ने प्रशांत कुमार पर अटूट भरोसा भी जताया है। उनके हाथ में पहले ADG ला एंड आर्डर का पद था। और प्रमोशन के बाद उनको स्पेशल डीजी यूपी ला एंड ऑर्डर का पद दिया ही जा चुका है। बड़ी बात ये है की मौजूदा सरकार में मीडिया बाईट तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के अलावा किसी डीजीपी ने नहीं दिया है। हर बार प्रशांत कुमार ही अपना बयान जारी करते रहें हैं। प्रेसवार्ता भी वही करते रहे हैं।
कई बार विपक्ष ने सवाल भी उठाया की इतना बड़ा राज्य बिना स्थाई डीजीपी के चल रहा है लेकिन विपक्ष की इस बात पर कभी सरकार ने ध्यान भी नहीं दिया। और सरकार ने बड़े से बड़े मामलों में प्रशांत कुमार पर ही भरोसा जताया है। ऐसे में माना जा रहा ही डीजीपी आनंद कुमार बनेंगे। प्रशांत कुमार अपने पद पर ही अपनी सेवा देते रहेंगे। फिलहाल डीजीपी के पद के लिए केन्द्र को पांच नामों को की सूची भेजे जाने के प्रक्रिया कभी की जा सकती है।