नोएडा: ‘पता नहीं किस रूप में नारायण मिल जाएगा’, उत्तर प्रदेश के नोएडा में यह भाव रोशनी के चेहरे पर दिख रहा है। दरअसल, अस्पताल जा रही 33 वर्षीय महिला रोशनी ने दो नर्सों की मदद से नोएडा परी चौक पर सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया। महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। इसी दौरान वहां से गुजर रही दो नर्स उसकी मदद के लिए दौड़ीं। राहगीरों की मदद से महिला का प्रसव कराया। दरअसल, शारदा अस्पताल की नर्स ज्योति (28) और रेनू देवी मंगलवार सुबह करीब 9.30 बजे काम पर जा रही थीं। उन्होंने रोशनी शर्मा को सड़क पर दर्द से कराहते हुए देखा। रोशनी के पति प्रशांत राहगीरों से मदद मांग रहे थे। प्रशांत दर्जी का काम करते हैं।
रेनू ने कहा कि रोशनी एक ऑटो-रिक्शा में थी। हमने भीड़ देखी और महसूस किया कि रोशनी को अस्पताल ले जाने का समय नहीं है। ग्रेटर नोएडा अस्पताल में काम करने वाली नर्स रेनू ने कहा कि मैंने ज्योति को फोन किया, जो उस समय काम पर जा रही थी। हमने मौके पर जमा भीड़ को बताया कि हम नर्स हैं। हमें एक शॉल मिला और एक अन्य महिला एवं एक राहगीर की मदद से हमने रोशनी को उसके बच्चे को जन्म देने में मदद की। नवजात लड़के को जैकेट में लपेटकर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि मां और बेटा ठीक हैं।
सड़क पर गिर गई थी महिला
शारदा अस्पताल के जनसंपर्क निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। रोशनी का इलाज कासना के एक अस्पताल में किया जा रहा था, लेकिन उसे सी-सेक्शन डिलीवरी कराने के लिए कहा गया। सुबह उसे प्रसव पीड़ा हुई। वह अस्पताल के रास्ते में सड़क पर गिर गई। लुक्सर की रहने वाली रोशनी ने कहा कि वह नर्सों की मदद के लिए उनकी आभारी हैं।
‘हमारे लिए वे भगवान’
दो बच्चों की मां रोशनी ने कहा कि वे (नर्सें) हमारे लिए भगवान की तरह हैं। उन्होंने हमारी जान बचाई। मेरे पति वहां हर किसी से मदद मांगते रहे, लेकिन कोई आगे नहीं आया। नर्सों ने मेरे लिए जो किया है, मैं उसका बदला कभी नहीं चुका सकती। शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि अस्पताल रोशनी का मुफ्त इलाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला की मदद करने के लिए दोनों नर्सों को 5100 रुपये का पुरस्कार दिया जा रहा है।