संचार न्यूज़। किसानों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पर 25 में दिन भी धरना जारी रहा। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता महिलाओं ने की जिसमे हजारों की संख्या में प्राधिकरण पर चल रहे किसानों के महापड़ाव धरने में महिलाएं शामिल हुई। इस दौरान महिलाओं ने कहां है कि जब तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं होगा उनका धरना महापड़ाव के रूप में जारी रहेगा।
दरअसल ग्रेटर नोएडा के 39 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे है। किसानों का यह धरना 25 अप्रैल से चल रहा है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों का दिन और रात लगातार यह धरना चल रहा है जिसमें भारी संख्या में किसान व महिलाएं शामिल हो रही है। अपनी मांगों को लेकर किसान डटे हुए हैं उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा किसानों का यह धरना समाप्त नहीं होगा।
शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर चल रहे किसानों के धरने के 25 वे दिन महिलाओं ने धरने का संचालन किया जिसमें अध्यक्षता संतोष देवी ने की व संचालन तिलक देवी ने किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं प्राधिकरण कार्यालय के बाहर जमा हुई और महिलाओं ने अपने प्रदर्शन में गीत संगीत के माध्यम से प्राधिकरण को अपनी समस्याओं से अवगत कराया वही धरना दे रहे किसानों में भी जोश भरने का कार्य किया।
इस दौरान महिला समिति की अध्यक्ष आशा यादव ने कहा कि हम गांव गांव जाकर महिलाओं की समितियों का गठन कर रहे हैं और इस ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर महापड़ाव में आने वाले समय में महिलाओं की भूमिका निर्णायक साबित होगी। महिलाएं भी अब धरने पर रात और दिन धरने में शामिल होंगी। किसान नेता रीना भाटी ने कहा कि प्राधिकरण ने किसानों के साथ धोखा किया है किसानों की जमीनों को सस्ती दरों में लेकर ऊंचे दामों पर बिल्डरों को आवंटित कर दिया। जो किसानों के अधिकार हैं उन पर भी डाका डालने का कार्य प्राधिकरण के द्वारा किया जा रहा है। अधिग्रहण की एवज में किसानों को मिलने वाले 10% आवासीय भूखंडों के स्थान पर केवल 6% भूखंड दिए जा रहे हैं जिसके लिए किसानों को प्राधिकरण के अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं किसानों के साथ हो रहा यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धरने में शामिल हुई महिला सुनीता ने कहा कि अब महिलाएं जेल जाने के लिए भी तैयार हैं अगर प्राधिकरण को लगता है कि यहां की महिलाएं कमजोर है तो यह उनकी बड़ी भूल है। यह की वीरांगनाए अपने अधिकारों के लिए अपने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन-रात संघर्ष करने को तैयार है। प्राधिकरण के द्वारा किसानों की समस्याओं का जब तक निस्तारण नहीं किया जाएगा जब तक किसानों का यह धरना जारी रहेगा जिसके लिए सभी गांव में मिलकर 2,000 से अधिक संख्या में किसानों ने गिरफ्तार होने वाली लिस्ट बना ली है।
शुक्रवार को धरने में मुख्य रूप से वंदना, रिया, संतोष, अनीता, गीता, माया, सविता, पिंकी, बाला, राजेश, प्रीति, जगमति, सरोज, मुकेश, पूजा और विमला सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं शामिल रही।